सभी सरकारी कर्मचारियों के चरित्र की होगी जांच, खतरे में ऐसे कर्मियों की नौकरी, इस राज्य की सरकार ने लिया फैसला
सभी सरकारी कर्मचारियों के चरित्र की होगी जांच! jammu in jammu and kashmir those government employees who help anti nationals will expel from the job
जम्मू-कश्मीर: देश में अब तक आपको जानकारी होगी कि दस्तावेजों का वेरिफिकेशन किया जात है। लेकिन क्या कभी आपको इस बात की जानकारी मिली है कि सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के चरित्र का वेरिफिकेशन किया जाएगा। जी हां जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सरकारी कर्मचारियों के चरित्र का वेरिफिकेशन करने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि प्रशासन ने ष्प्रचार करने और देशविरोधी तत्वों को शह देने वाले कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकालने का फैसला किया है।
मिली जानकारी के अनुसार तीन सदस्य समीक्षा कमेटी की अध्यक्षता मुख्यसचिव करेंगे। इसके सदस्यों में जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजी व सामान्य प्रशासनिक विभाग के प्रशासनिक सचिव शामिल हैं। वहीं, गृह विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता वाली चार सदस्य स्क्रीनिंग कमेटी में सीआइडी के स्पेशल डीजी, संबंधित विभाग के प्रशासनिक सचिव व कानून विभाग के सचिव शामिल हैं।
ऐसे होगी वेरीफिकेशन
- अधिकारी या कर्मचारी देशविरोधी गतिविधियों, जासूसी करने, अलगाववाद को शह देने, लोगों की भावनाओं को भड़काने के साथ जम्मू कश्मीर समेत देश में विदेशी हस्तक्षेप में मदद तो नहीं कर रहा।
- कर्मचारी किसी भी प्रकार की हिंसा में शामिल तो नहीं।
- ऐसे कर्मियों का पता लगाया जाएगा जो अपने घर में रहने वाले संदिग्ध रिश्तेदारों की जानकारी नहीं देते। कर्मियों को बताना होगा कि उनके घर में रहने वाले रिश्तेदार कौन हैं। उनके संदिग्ध होने की स्थिति में कर्मचारी को उनका सहयोगी माना जाएगा।
- यह भी देखा जाएगा कि कर्मी देश के प्रति आक्रामक रवैया रखने वाले देश के नागरिकों से परोक्ष या अपरोक्ष रूप से जुड़ा तो नहीं है।
ऐसे होगी कार्रवाई
- वेरीफिकेशन के बाद प्रशासनिक विभाग अपने संदिग्ध कर्मचारियों की सूची तैयार कर इसे सामान्य प्रशासनिक विभाग को सौंपेंगे। इसके बाद इन मामलों की जानकारी स्क्रीङ्क्षनग कमेटी के हवाले कर दी जाएगी।
- संदिग्ध कर्मचारियों व अधिकारियों की पदोन्नति को फौरन रोकने के साथ स्क्रीनिंग कमेटी ऐसे कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के लिए प्रस्ताव समीक्षा कमेटी को भेजेगी।
- समीक्षा कमेटी मामलों पर गौर करेगी। समीक्षा कमेटी भी अपने स्तर पर भी किसी मामले की जांच कर सकती है।
- कर्मचारी व अधिकारी स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट को समीक्षा कमेटी के समक्ष चुनौती दे सकते हैं। समीक्षा कमेटी को एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देनी होगी।

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