Akhand Samarajya Rajyog: ज्योतिष शास्त्र में कुंडली में कई तरह के ग्रहों का राशि परिवर्तन योग का कारण होता है। किसी न किसी ग्रहों के राशि परिवर्तन सहयोग से योग और राजयोग का निर्माण होता है। कुंडली के कई ऐसे योग है, जो बेहद शुभ माने जाते हैं। इन्हीं योगों में से एक योग होता है “अखंड साम्राज्य राजयोग”
अखंड साम्राज्य योग
Akhand Samarajya Rajyog: वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो धन वैभव और सुख समृद्धि के लिए जाने जाते हैं। इन्हीं ग्रहों में से एक होता है, अखंड साम्राज्य, जो अति फलदाई और प्रभाव से माना जाता है।
Akhand Samarajya Rajyog: मेष वृषभ सहित सिंह राशि के जातकों सहित वृश्चिक और कुंभ लग्न में जन्म लेने वाले जातक को अखंड साम्राज्य योग का लाभ मिलता है। इन जातकों को भाग्य का प्रबल साथ मिलता है। घर और व्यापार में तरक्की होती है। सुख समृद्धि का लाभ होने के साथ ही एक बड़े राजनेता के रूप में उभर कर सामने आते हैं।
अखंड साम्राज्य राजयोग का निर्माण
– Akhand Samarajya Rajyog: गुरु जो 5:00 बजे दूसरे और एक ग्यारह घर के स्वामी हो तब अखंड साम्राज्य योग का लाभ जातकों को मिलता है।
– Akhand Samarajya Rajyog: गुरु जब वृषभ लग्न के साथ एकादश भाव सिंह लग्न के साथ पंचम भाव, वृश्चिक लग्न के साथ दूसरे और पंचम भाव सहित कुंभ लग्न के साथ द्वितीय और ग्यारहवें भाव के कारक माने जाते हैं तो अखंड साम्राज्य योग का निर्माण होता है।
अखंड साम्राज्य योग का लाभ
– इस योग से जातक को धन की कमी नहीं रहती। पैतृक संपत्ति का लाभ मिलता है, वह अकेला मालिक बन सकता है।
– इसके साथ ही उनके करियर और व्यापार के हर क्षेत्र में तरक्की प्राप्त होती और
– प्रत्यक्ष धन बनने की संभावना होती है।
– सुख सुविधा का भोग भोगने के साथ ही अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
– उच्च शिक्षा हासिल करने के साथ ही संतान सुख का फल प्राप्त करता है।
– इसके साथ ही उसे उपक्रमों में सफलता प्राप्त होती ।
– आध्यात्मिक शक्ति का ज्ञान होता है साथ ही स्टॉक एक्सचेंज शेयर मार्केट में कार्यरत रहता है।
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