liquor ban in chhattisgarh

शराबबंदी पर रार! सीएम ने बताया क्यों नहीं बंद हो सकती शराब, भाजपा ने लगाए वादाखिलाफी के आरोप

liquor ban in chhattisgarh मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 2018 में महिलाओं का दवाब था, शराबबंदी हो । हमने भी घोषणा कर दी। भेंट मुलाकात में भी शराबबंदी की मांग होती है । ये केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है । सीएम होने के नाते आज ही सब शराब दुकान बन्द करा सकते हैं लेकिन क्या ये समस्या का समाधान होगा?

Edited By :   Modified Date:  May 14, 2023 / 09:33 PM IST, Published Date : May 14, 2023/9:33 pm IST

liquor ban in chhattisgarh रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर एक बार फिर से सियासत रह रह कर गरमाते रहती है। एक बार फिर रायपुर में नशा मुक्ति को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और शराबबंदी को लेकर बनाई गई राजनीतिक कमेटी के चेयरमैन सत्यनारायण शर्मा के शराबबंदी को लेकर दिए गए बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर से सरकार को जमकर घेरा है।

रायपुर में नशा मुक्ति को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में सरकार द्वारा शराबबंदी को लेकर बनाई गई राजनीतिक कमेटी के चेयरमैन और वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि छग का नशामुक्त होना बहुत जरूरी है। छोटे बच्चे सुलोशन, ड्रग्स के आदि बन रहे हैं । उन्होंने अपने उद्बोधन कहा कि यहां भी शराबबंदी होना जरूरी है । उन्होंने कहा कि मेरे घर के बगल में 3 लोग दारू पीकर मर गए हैं । 5 राज्यों में शराबबंदी है मगर वहां शराब आसानी से मिल रही है। कानून से सामाजिक दोष ठीक नहीं कर सकते हैं । अभियान और जागरूकता से नशा छुड़ाया जा सकता है ।

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liquor ban in chhattisgarh इसी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 2018 में महिलाओं का दवाब था, शराबबंदी हो । हमने भी घोषणा कर दी। भेंट मुलाकात में भी शराबबंदी की मांग होती है । ये केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है । सीएम होने के नाते आज ही सब शराब दुकान बन्द करा सकते हैं लेकिन क्या ये समस्या का समाधान होगा? उन्होंने कहा कि महीनों के लॉकडाउन में लोग शराब का इंतजाम कर ले रहे थे । कुछ नहीं मिला तो सेनेटाइजर पी गए । मेरी फिर हिम्मत नहीं हुई की मैं शराबबंदी की घोषणा कर दूं। नशेड़ी जिंदा है तो सुधार की उम्मीद है, मर जाए तो कोई विकल्प नहीं है । उन्होंने कहा कि महिलाएं शराबबंदी पर दोनों हाथ उठाती है, गुड़ाखू पर चुप हो जाती है ।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सरकार द्वारा शराबबंदी को लेकर बनाई गई राजनीतिक कमेटी के चेयरमैन सत्यनारायण शर्मा के बयान पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने जो कमेटी बनाई जिसके अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा है। उन्होंने कहा कि यह सरकार का मुद्दा नहीं है जनता का मुद्दा है । आपकी सरकार है आप उस कमेटी के चेयरमैन हैं सरकार ने जो वादा किया था उस पर आपको अमल करना चाहिए । जब आप मानते हैं कि शराबबंदी जरूरी है तो सरकार को शराबबंदी की सलाह देना चाहिए और दबाव बनाना चाहिए । लेकिन आप और मुख्यमंत्री दोनों अलग-अलग बातें कर रहे हैं ।

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मुख्यमंत्री के बयान “लोग सैनिटाइजर रहे हैं, मेरी हिम्मत नहीं हुई कि मैं शराबबंदी कर दूं” पर अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि शराब की वजह से ही शराब घोटाला कर पा रहे हैं इसलिए शराबंदी नहीं कर रहे है, और इस तरह के बहाने बना रहे हैं ।

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी काफी समय से सरकार पर शराबबंदी के नाम से वादाखिलाफी करने का आरोप लगाकर हमले कर रही है । पिछले दिनों हुए शराब घोटाले के बाद शराबबंदी को लेकर फिर से सियासत गर्म हो गई है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। अब देखना यह है कि शराबबंदी का यह मुद्दा आने वाले विधानसभा चुनाव में कितना असर दिखाता है।