Mallikarjun Kharge Seat Controversy: द्रौपदी मुर्मू को सोमवार को संसद के सेंट्रल हॉल में भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई। हालांकि, समारोह में विवाद खड़ा हो गया और विपक्षी दलों द्वारा राज्यसभा के सभापति को एक पत्र सौंपा गया। जिसमें कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का अनादर करने का आरोप लगाया गया। कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने सोमवार को दावा किया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में राज्य सभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को ऐसी सीट पर बैठाया गया जो उनकी पद की गरिमा के अनुरूप नहीं थी।
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उन्होंने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर ये दावा भी किया कि एक वरिष्ठ नेता का जानबूझकर अनादर किया गया है। जिसको लेकर वे हैरानी और विरोध जताते हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्विटर पर ये पत्र साझा करते हुए कहा कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखा है।
Letter submitted to Hon’ble Chairman, Rajya Sabha by all Opposition Parties (including TMC) just now. pic.twitter.com/tapyVKFS1s
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 25, 2022
मल्लिकार्जुन खड़गे की सीट पर विवाद
पत्र में इन दलों ने कहा, “आज राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में मल्लिकार्जुन खड़गे को ऐसी सीट पर बैठाया गया जो उनके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है। हम वरिष्ठ नेता के प्रति दिखाए गए इस अपमान पर अपना विरोध व्यक्त करने के लिए लिख रहे हैं। इस मामले पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि, “मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ है। शपथ ग्रहण समारोह गृह मंत्रालय आयोजित करता है और उसका एक वरीयता क्रम है जिसमें विपक्ष के नेता की सीट तीसरी पंक्ति में आती है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ है। शपथ ग्रहण समारोह गृह मंत्रालय आयोजित करता है और उसका एक वरीयता क्रम है जिसमें विपक्ष के नेता की सीट तीसरी पंक्ती में आती है: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी pic.twitter.com/frqS84JKe1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 25, 2022
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री ने दिया जवाब
उन्होंने कहा कि, “मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) की वरिष्ठता और उनके पद का सम्मान करते हुए हमने उन्हें पहली पंक्ति में एक सीट प्रदान की गई। जब उन्होंने सीट के कोने में होने की शिकायत की तो कर्मचारियों ने उन्हें बीच में ले जाने की पेशकश की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। शनिवार को राष्ट्रपति के विदाई समारोह में भी उनको प्रधानमंत्री (PM Modi) की बगल वाली सीट दी गई थी, लेकिन वह उस दिन नहीं आए थे। एक तरह से ये राष्ट्रपति, सभापति और स्पीकर का अपमान था।
मल्लिकार्जुन खड़गे की वरिष्ठता और उनके पद का सम्मान करते हुए हमने उनको पहली पंक्ति में स्थान दिया था। शनिवार के विदाई समारोह में भी उनको प्रधानमंत्री की बगल वाली सीट दी गई थी लेकिन वह उस दिन नहीं आए थे: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी pic.twitter.com/hFNvH3E6bi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 25, 2022
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