कुदरत ने दिखाई ऐसी ताकत, बूंद-बूंद तरसने वाली राजधानी से बह गया लाखों लीटर पानी, 43 सालों तक बुझा सकता था प्यास
Precious water flowing from Bhopal: कुदरत ने दिखाई ऐसी ताकत- बूंद-बूंद तरसने वाले भोपाल से बहा 43 सालों तक जरूरत का पानी
Precious water flowing from Bhopal
Precious water flowing from Bhopal: भोपाल। (शिखिल ब्यौहार) इसे कुदरत की ताकत ही कहेंगे कि कभी पानी की किल्लत से हर साल जूझने वाला भोपाल आज पानी-पानी हो रहा है। इतना पानी-पानी कि अब तक 16 लाख 47 हजार 975 एमजीडी पानी बांधों से बहाया जा चुका है। यह जानकर आपको अचरज होगा कि इतना पानी भोपाल शहर को 43 सालों तक प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में सप्लाई करने बाद भी खत्म नहीं होता।
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बांध के खोले गए गेट
Precious water flowing from Bhopal: दरअसल, शहर में प्रतिदिन 105.6 एमजीडी सप्लाई किया जाता है। नर्मदा पाइपलाइन के जरिए रोजाना 38 एमजीडी कोलार से, 36 एमजीडी बड़े तालाब से, 30 एमजीडी और केरवा डेम से 1.6 एमजीडी पानी शहर की जरूरत के लिए सप्लाई किया जाता है। लबालब बांधों से पानी निकासी के आंकड़ों के आंकलन के लिए भदभदा बांध के 46 घंटे से लगातार खोले गए गेट और कलियासत डेम के 19 घंटे से खुले गेटों का अध्ययन किया गया।
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चौकाने वाला आकड़ा आया सामने
Precious water flowing from Bhopal: इसमें भदभदा के खोले गए सभी 11 और कलियासोत के सभी 13 गेट से हुई पानी निकासी का गणित बिठाया गया। तब जो आंकड़ा सामने आया उसने अधिकारियों को चौका कर रख दिया। इसमें बताया गया कि अब तक 16 लाख 47 हजार 975 एमजीडी पानी की निकासी की जा चुकी है।
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सभी रिकॉर्ड टूटना तय
Precious water flowing from Bhopal: भोपाल में प्रतिदिन 105.6 एमजीडी सप्लाई के हिसाब से बांधों से बहाया गया पानी आगामी 43 सालों तक जल आपूर्ति के लिए पर्याप्त था। नगर निगम के अधिकारियों ने यह भी बताया कि फिलहाल भोपाल और आसपास के क्षेत्रों में तेज बारिश का दौर जारी है और तो और तेज बारिश के लिए पूरा अगस्त माह भी इंतजार कर रहा है। लिहाजा भोपाल शहर के बांधों के गेट भी खोले जाएंगे। ऐसे में पानी निकासी का सभी रिकॉर्ड टूटना भी तय है।

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