शारदीय नवरात्रि 2022 : देश में इस जगह स्थित है चाइनीज काली मंदिर, भोग में चढ़ाए जाते हैं नूडल्स, फ्राइड राइस और चॉप सुई
Chinese Kali temple : सोमवार से शुरू हुई शारदीय नवरात्रि की रौनक हर जगह देखने को मिल रही है। देश के हर कोने में मां दुर्गा की पूजा अर्चना की
Chinese Kali temple
नई दिल्ली : Chinese Kali temple : सोमवार से शुरू हुई शारदीय नवरात्रि की रौनक हर जगह देखने को मिल रही है। देश के हर कोने में मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जा रही है। नवरात्रि में श्रद्धालु माता रानी के कई मंदिरों में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नाम सुन आप अचंभित हो सकते हैं।
दरअसल, हम जिस मंदिर की बात है उसका नाम है चाइनीज काली मंदिर, लेकिन यह चाइना में नहीं बल्कि भारत में ही स्थित है। यहां की सबसे खास बात यह है कि यहां भारत के अन्य मंदिरों की तरह काली माता को मिठाई का भोग नहीं लगाया जाता, बल्कि नूडल्स, फ्राइड राइस और चॉप सुई भोग चढ़ाया जाता है।
यह भी पढ़े : सरकार की बड़ी घोषणा, प्रदेशवाशियों को दिवाली पर मिलेगा मुफ्त सिलेंडर का उपहार
कहां स्थित है चाइनीज काली मंदिर
Chinese Kali temple : चाइनीज काली मंदिर कोलकाता के प्रसिद्ध तंगरा क्षेत्र में स्थित है जिसे “चाइना टाउन” भी कहा जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह मंदिर 80 साल पुराना बताया जा रहा है। मंदिर के निर्माण से पहले लोग साइड पर एक पेड़ के नीचे सिंदूर के साथ दो ग्रेनाइट पत्थरों की पूजा करते थे। फिर बंगाली और चीनी समुदाय के लोगों ने कोलकाता के तंगरा में चीनी काली मंदिर का निर्माण करने के लिए एक साथ आए थे। इस क्षेत्र में तिब्बती और पूर्वी एशियाई संस्कृति का मिश्रण देखने को मिलता है, जो इसे एक बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस भी बनाता है। यहां साल भर सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है। खासकर दुर्गा पूजा के दौरान यहां की रौनक देखते ही बनती है।
माता रानी को लगाया जाता है खास भोग
Chinese Kali temple : यहां का मंदिर और मूर्ति भारत के किसी भी अन्य देवी काली मंदिर की तरह ही दिखती हैं। लेकिन जो चीज इसे सबसे अलग बनाती है वह है प्रसाद। इस मंदिर में चीनी व्यंजन जैसे नूडल्स, चॉप सुई, फ्राइड राइस और कई अन्य व्यंजन भी देवी काली को चढ़ाए जाते हैं। भोग लगाने के बाद इसे भक्तों के बीच वितरित किया जाता है।
की जाती है विशेष पूजा
Chinese Kali temple : इस मंदिर की दिलचस्प बात यह है कि एक बंगाली पुजारी देवी की पूजा करता है और बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए यहां हस्तनिर्मित कागज जलाए जाते हैं। दिवाली के दौरान यहां दीए नहीं चीनी अगरबत्ती के साथ यहां लंबी मोमबत्तियां जलाई जाती हैं।

Facebook



