US Shutdown 2025, image souce: The New York Times
नईदिल्ली: US Shutdown 2025, अमेरिका में करीब साढ़े 7 लाख कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया है। अब बताया जा रहा है कि इनमें से 3 लाख की छंटनी भी हो सकती है। बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में एक बार फिर अमेरिका में गवर्नमेंट शटडाउन हो गया है। फंड्स की मांग वाले प्रस्ताव के फेल होने के बाद बुधवार को सरकार का बड़ा हिस्सा बंद हो गया है।
दरअसल, ट्रंप प्रशासन और कांग्रेस के डेमोक्रेट्स फंडिंग डील पर सहमत नहीं हो सके। यह 1981 के बाद से 15वां सरकारी शटडाउन है, जिससे करीब 7.5 लाख संघीय कर्मचारी प्रभावित होंगे। इस शटडाउन के चलते शुक्रवार को जारी होने वाली अहम रोजगार रिपोर्ट टल गई है। हवाई यात्रा धीमी हो रही है, वैज्ञानिक रिसर्च रुकी है, सैनिकों को वेतन नहीं मिल रहा और संघीय कर्मचारियों को फर्लो पर भेजा जा रहा है। प्रत्येक दिन का आर्थिक बोझ 400 मिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
US Shutdown 2025, इधर राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यह गतिरोध संघीय नौकरियों में और कटौती का रास्ता साफ कर सकता है। व्हाइट हाउस के मुताबिक, दिसंबर तक 3 लाख कर्मचारियों को बाहर करने की योजना पहले से ही चल रही है। उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने हवाई सुरक्षा पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर और TSA कर्मचारी बिना वेतन के काम कर रहे हैं, जिससे उड़ानों में देरी और सुरक्षा जोखिम बढ़ सकते हैं।
सीनेट डेमोक्रेट्स ने मंगलवार को एक अस्थायी फंडिंग बिल को रोक दिया, क्योंकि रिपब्लिकन पार्टी ने स्वास्थ्य लाभों के विस्तार को शामिल करने से इनकार कर दिया था। डेमोक्रेट्स का कहना है कि यह मुद्दा करोड़ों अमेरिकियों से जुड़ा है और इसे अलग से नहीं निपटाया जा सकता।
हाउस डेमोक्रेटिक लीडर हकीम जेफ्रीज़ ने कहा, “ट्रंप और रिपब्लिकन ने सरकार इसलिए बंद की क्योंकि वे कामकाजी वर्ग को हेल्थकेयर देना नहीं चाहते।” वहीं सीनेट रिपब्लिकन लीडर जॉन थ्यून का आरोप है कि यह शुद्ध राजनीति है, “अतीत में डेमोक्रेट्स ने ऐसे बिल का समर्थन किया था, फर्क सिर्फ इतना है कि इस बार व्हाइट हाउस में ट्रंप हैं।”
US Shutdown 2025, शटडाउन का असर वॉल स्ट्रीट और एशियाई शेयर बाजारों पर भी पड़ रहा है। अमेरिकी डॉलर कमजोर हुआ और सोने की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। विश्लेषकों का मानना है कि यह गतिरोध पहले के शटडाउन की तुलना में ज्यादा लंबा चल सकता है, जिससे जीडीपी ग्रोथ पर भी असर पड़ेगा।