you will not be able to avoid challan, notice of Rs 10,000 will come at home

अगर नहीं है ये सर्टिफिकेट, तो अब चालान से नहीं बच पाएंगे आप, घर पर आएगा 10,000 रुपए का नोटिस

दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग उन वाहन मालिकों को नोटिस भेजना शुरू कर सकता है। जिनके पास वैध पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं हैं। अधिकारियों ने कहा कि अगर माण पत्र प्राप्त नहीं होंगे तो 10,000 रुपये के चालान वाहन मालिकों को देने होंगे। उन्होंने कहा कि विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए अभियान तेज करेगा कि बिना प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र वाले वाहन शहर की सड़कों पर न चलें।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:54 PM IST, Published Date : July 11, 2022/7:21 pm IST

नई दिल्ली: दिल्ली में बिना वैध प्रदूषण सर्टिफिकेट के गाड़ी चलाने वाले वाहन मालिकों की मश्किलें बढ़ सकती है। अधिकारियों ने रविवार को कहा कि दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग उन वाहन मालिकों को नोटिस भेजना शुरू कर सकता है। जिनके पास वैध पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं हैं। अधिकारियों ने कहा कि अगर माण पत्र प्राप्त नहीं होंगे तो 10,000 रुपये के चालान वाहन मालिकों को देने होंगे। उन्होंने कहा कि विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए अभियान तेज करेगा कि बिना प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र वाले वाहन शहर की सड़कों पर न चलें।

Read More:7th Pay Commission: केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को दिया तोहफा! DA बढ़ाने से पहले किया ये बड़ा ऐलान 

अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में, 13 लाख दोपहिया और तीन लाख कारों सहित 17 लाख से अधिक वाहन बिना वैध पीयूसी के चल रहे हैं। विभाग की तरफ से कहा गया है कि “विभाग पीयूसी प्रमाण पत्र की समाप्ति के बाद वाहन मालिकों को उनके घरों पर नोटिस भेजने के लिए एक प्रणाली पर काम कर रहा है। यदि वे वैध प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं करते हैं, तो 10,000 रुपये के जुर्माना का चालान भी उनके घर पहुंच जाएगा।”  केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अनुसार, प्रत्येक मोटर वाहन (बीएस-I/बीएस-II/बीएस-III/बीएस-IV के साथ-साथ सीएनजी/एलपीजी पर चलने वाले वाहनों सहित) के लिए एक वैध पीयूसी प्रमाणपत्र होना आवश्यक है।

Read More:Video: मोदी स्टाइल में SP भोजराम ने महासमुंद के लिए ली विदाई, इस कार्य की पूरे प्रदेश में जमकर हो रही तारीफ 

हालांकि, चार पहिया BS-IV वाहनों की वैधता एक वर्ष और अन्य वाहनों के लिए तीन महीने है। पीयूसी प्रमाणीकरण को वास्तविक समय बनाया गया है और वाहन पंजीकरण डेटाबेस के साथ एकीकृत किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि डिजिटल सेवा को बढ़ा कर पीयूसी प्रमाणीकरण की विश्वसनीयता में सुधार किया है और आवश्यक दंडात्मक कार्रवाई के लिए प्रदूषणकारी वाहनों की पहचान करने में मदद की है। मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार वैध पीयूसी प्रमाण पत्र के बिना पकड़े जाने पर, वाहन मालिकों को छह महीने तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों देना पड़ सकता है। अधिकारियों ने कहा पिछले साल परिवहन विभाग द्वारा पीयूसी मानदंड को सख्ती से लागू करने के कारण, 60 लाख से अधिक प्रमाण पत्र जारी किए गए थे।

Read More:कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लोगों में दिख रहा डर, एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या घटी 

गौरतलब  है कि कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे विभिन्न प्रदूषकों के लिए वाहनों का उनके उत्सर्जन मानकों के लिए समय-समय पर परीक्षण किया जाता है। जिसके बाद उन्हें पीयूसी प्रमाणपत्र दिया जाता है।दिल्ली में परिवहन विभाग द्वारा अधिकृत 900 से अधिक प्रदूषण जांच केंद्र हैं। ये पूरे शहर में फैले पेट्रोल पंपों और कार्यशालाओं में स्थापित किए गए हैं ताकि मोटर चालक इसे आसानी से कर सकें।पेट्रोल और सीएनजी से चलने वाले दुपहिया और तिपहिया वाहनों के मामले में प्रदूषण जांच का शुल्क 60 रुपये है। चार पहिया वाहनों के लिए यह 80 रुपये है। डीजल वाहनों के प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र का शुल्क 100 रुपये है।

Read More:यहां मिलता है दुनिया का सबसे महंगा फ्रेंच फ्राइज, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है नाम