मुंबई, नौ दिसंबर (भाषा) सबसे बड़े निवेश बैंकरों में एक जेपी मॉर्गन ने मंगलवार को कहा कि प्रति वर्ष 20 अरब डॉलर की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) भारत के लिए नई सामान्य बात हो गई। आने वाले कुछ सालों में यह दर स्थायी होने की उम्मीद है।
बैंक ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में आईपीओ की बाढ़ के बीच बाजार में अब तक 2025 में 21 अरब डॉलर के निर्गम हो चुके हैं जो पिछले साल के बराबर है। यदि कुछ बड़े निर्गम जैसे आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी का प्रस्ताव सफल होता है, तो साल के अंत तक यह राशि 23 अरब डॉलर से भी ऊपर जा सकती है।
जेपी मॉर्गन के इक्विटी पूंजी बाजार के प्रमुख अभिनव भारती ने संवाददाताओं से कहा, ”भारत के लिए सालाना 20 अरब डॉलर जारी करना नई सामान्य बात है। यह नया मापदंड है और आगे से यह हमारे लिए सालाना दर बन जाएगा।”
उन्होंने कहा कि कम से कम 20 स्टार्टअप, जिनका निजी बाजार में करोड़ों का मूल्यांकन है, वर्तमान में आईपीओ लाने की तैयारी कर रहे हैं।
भारती ने कहा कि मांग का लगभग पांचवां हिस्सा उपभोक्ता प्रौद्योगिकी और नए युग के व्यवसायों द्वारा संचालित हो रहा है, और अगले पांच वर्षों में यह 30 प्रतिशत से भी ऊपर चला जाएगा।
भाषा योगेश पाण्डेय
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