5 Banks are Forming Joint Company: बैंकिग सेक्टर में बड़ा धमाका! SBI समेत 5 सरकारी बैंक मिलकर बना रहे हैं साझा कंपनी

5 Banks are Forming Joint Company: बैंकिग सेक्टर में बड़ा धमाका! SBI समेत 5 सरकारी बैंक मिलकर बना रहे हैं साझा कंपनी

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  • Publish Date - June 3, 2025 / 09:32 AM IST,
    Updated On - June 3, 2025 / 09:32 AM IST

(5 Banks are Forming Joint Company, Image Credit: Meta AI)

HIGHLIGHTS
  • SBI, PNB और BOB समेत 5 सरकारी बैंक बनाएंगे लोन वसूली के लिए साझा कंपनी।
  • ₹5 करोड़ तक के रिटेल और MSME लोन की वसूली होगी कंपनी की मुख्य जिम्मेदारी।
  • NPA पर नियंत्रण पाने और वसूली को सरल बनाने की दिशा में एक ‘पहला कदम’।

5 Banks are Forming Joint Company: देश के प्रमुख सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) और दो अन्य मिलकर अब छोटे रिटेल और MSME लोन की वसूली को लेकर एक साझा रणनीति पर काम कर रहे हैं। इन बैंकों का उद्देश्य है कि 5 करोड़ रुपये से कम राशि वाले ऋणों की वसूली के लिए एक अलग कंपनी बनाई जाए जो विशेष रूप से इसी कार्य में जुटे रहेंगे।

पीएसबी एलायंस प्राइवेट लिमिटेड को चुना जा सकता है

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस उद्देश्य के लिए पहले से मौजूद एक कंपनी पीएसबी एलायंस प्राइवेट लिमिटेड को चुना जा सकता है। जो पहले से ही सरकारी बैंकों को साझा सेवाएं देती आ रही है। शुरुआती चरण में 5 बैंक इस प्रोजेक्ट का हिस्सा होंगे, लेकिन भविष्य में अन्य सरकारी बैंक भी इससे जुड़ सकते हैं।

इसका उद्देश्य क्या है?

एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने बताया कि इस पहल से बैंकों को कई फायदे मिलेंगे-
बैंक अपने कोर बैंकिंग ऑपरेशंस पर बेहतर ध्यान दे सकेंगे।
एक ही ग्राहक के कई बैंकों से लिए गए ऋणों की वसूली एक ही जगह से संभव हो पाएगी।
यह नई कंपनी नेशनल एसेट रिकन्स्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) की तर्ज पर काम करेगी, लेकिन छोटे लोन से संबंधित होगी।

वसूली के लिए नई दिशा

वर्तमान में केवल कुछ सरकारी बैंक ही अपने छोटे ऋणों की वसूली के लिए थर्ड-पार्टी एजेंसियों की मदद लेते हैं। नई साझा कंपनी इस दिशा में एक संगठित और औपचारिक पहल होगी। यदि यह कंपनी किसी ऋण की वसूली में विफल रहती है, तो उस खाते को NARCL जैसे एसेट रिकवरी प्लेटफॉर्म पर भेजा जाएगा।

वित्त मंत्रालय की सख्ती

सरकार की ओर से भी इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। वित्त मंत्रालय ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे अपने टॉप-20 डूबे हुए खातों (NPA) की नियमित रूप से समीक्षा करें। साथ ही, जिन खातों का समाधान क्रेडिटर्स की कमिटी (CoC) के पास तीन महीने से अधिक समय से लंबित है, उन पर विशेष नजर रखी जाए।

इसी वित्त वर्ष में काम शुरू होने का अनुमान

पीएसबी एलायंस के एक अधिकारी ने बताया कि यह कंपनी मार्च 2026 तक पूरी तरह से संचालन में आ सकती है। यह कंपनी पहले से ही सरकारी बैंकों के लिए डोरस्टेप बैंकिंग, बैंकनेट (नीलामी प्लेटफॉर्म) और साझा क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है।

एनपीए में गिरावट, परंतु नई चुनौतियां भी

एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक सरकारी बैंकों का सकल एनपीए घटकर 2.94 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है, जो कि साल-दर-साल आधार पर 17% की गिरावट है। हालांकि, जनवरी से मार्च 2025 के दौरान नई फिसलन (फ्रेश स्लिपेज) की रकम 7.8% बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये पहुंच गई है, जो चिंता का विषय है।

पांच सरकारी बैंक किस उद्देश्य से एक साझा कंपनी बना रहे हैं?

वे ₹5 करोड़ तक के छोटे रिटेल और MSME लोन की वसूली के लिए एक विशेष कंपनी बना रहे हैं ताकि वसूली की प्रक्रिया अधिक केंद्रित और प्रभावी हो सके।

यह साझा कंपनी कौन सी संस्था के जरिए काम करेगी?

'पीएसबी एलायंस प्राइवेट लिमिटेड' नाम की मौजूदा संस्था इस प्रोजेक्ट को संभालेगी।

इस वसूली कंपनी से बैंकों को क्या लाभ होंगे?

इससे बैंक अपने मुख्य कामों पर ध्यान दे सकेंगे, बहु-बैंक ऋणों की वसूली आसान होगी, और एनपीए कम करने में मदद मिलेगी।

क्या यह कंपनी सभी सरकारी बैंकों के लिए होगी?

शुरुआत में केवल 5 बैंक शामिल होंगे, लेकिन बाद में अन्य सरकारी बैंक भी इससे जुड़ सकते हैं।