जीएसटी फर्जीवाड़े के लिए सूरत के एक कमरे से चल रही थीं 550 डमी कंपनियां, पांच गिरफ्तार

अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंदौर के केंद्रीय माल एवं सेवा कर आयुक्तालय ने मध्यप्रदेश पुलिस के साइबर दस्ते की मदद से गिरोह के पांच लोगों को सूरत से 25 मई को गिरफ्तार किया।

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  • Publish Date - May 30, 2022 / 03:29 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:05 PM IST

GST fraud : इंदौर, 30 मई । माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के करोड़ों रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) फर्जीवाड़े के लिए गुजरात के सूरत के एक कमरे से करीब 550 डमी कंपनियां चलाने वाले शातिर गिरोह के पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंदौर के केंद्रीय माल एवं सेवा कर आयुक्तालय ने मध्यप्रदेश पुलिस के साइबर दस्ते की मदद से गिरोह के पांच लोगों को सूरत से 25 मई को गिरफ्तार किया।

अधिकारियों ने बताया कि गिरोह द्वारा करीब 550 डमी कंपनियों के नाम पर किया गया कुल 800 करोड़ रुपये का कारोबार जांच के घेरे में है। उन्होंने बताया कि केवल कागजों पर दिखाए गए इस कारोबार के जरिये जीएसटी का 100 करोड़ रुपये से अधिक का आईटीसी फर्जी तौर पर हासिल किया गया और ‘कमीशन’ लेकर इसे अन्य कंपनियों को बेच दिया गया।

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एक कमरे से करीब 550 डमी कंपनियां

GST fraud  : मामले की जांच से जुडे़ एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,‘‘गिरोह द्वारा सूरत के एक कमरे से करीब 550 डमी कंपनियां चलाई जा रही थीं और इनके जरिये करोड़ों रुपये का फर्जी कारोबार किया जा रहा था। हमें इस कमरे में बामुश्किल चार मेज-कुर्सियां रखी मिलीं और हमने पाया कि वहां ज्यादा से ज्यादा छह लोग बैठकर काम कर सकते हैं।’’

उन्होंने बताया कि जीएसटी तंत्र में डमी कंपनियां पंजीबद्ध कराने के लिए एक अन्य गिरोह के जरिये गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के लोगों की पहचान के दस्तावेज अवैध तौर पर खरीदे गए थे।

अधिकारी ने बताया,‘‘डमी कंपनियां खोलने के लिए गरीब तबके के दिहाड़ी मजदूरों से लेकर मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए एक आईपीएस अधिकारी तक के नाम या पतों के दस्तावेजों का अवैध इस्तेमाल किया गया। इन लोगों को भनक तक नहीं थी कि उनके दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों रुपये का फर्जी कारोबार किया जा रहा है।’’

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उन्होंने बताया कि जांच अधिकारियों को एक ऐसे व्यक्ति के नाम पर भी डमी कंपनी मिली जिसकी सात साल पहले ही मौत हो चुकी है।

अधिकारी ने बताया कि गिरोह के कब्जे से डमी कंपनियों के विवरण के साथ ही बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज, मोबाइल फोन, सिम कार्ड, सील, लेटर-पैड आदि बरामद किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि मामले में अलग-अलग सरकारी एजेंसियों द्वारा विस्तृत जांच व कार्रवाई जारी है और गिरोह द्वारा कई परतों में किए गए फर्जीवाड़े का आंकड़ा बढ़ सकता है।