7th pay commission pay matrix: सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए खोला खुशियों का पिटारा, दे दी रक्षा बंधन की सौगात | 7th pay commission pay matrix Order to Hike Salary

7th pay commission pay matrix: सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए खोला खुशियों का पिटारा, दे दी रक्षा बंधन की सौगात

सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए खोला खुशियों का पिटारा, दे दी रक्षा बंधन की सौगात! 7th pay commission pay matrix

Edited By :   Modified Date:  August 31, 2023 / 09:03 AM IST, Published Date : August 31, 2023/9:03 am IST

भोपाल: 7th pay commission pay matrix  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सभी विभागों के चिकित्सकों को समयबद्ध वेतनमान दिया जायेगा। बिना पदोन्नति की बाध्यता के पांच, दस और पन्द्रह वर्ष में वेतन वृद्धि मिलेगी। मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों को भी एक जनवरी 2016 से सातवां वेतनमान मिलेगा।

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7th pay commission pay matrix  मुख्यमंत्री चौहान आज यहां शासकीय महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में 2 हजार बिस्तरीय अस्पताल के निर्माण कार्य, नर्सिंग कॉलेज एवं हॉस्टल तथा ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर के लोकार्पण एवं भूमि-पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वेतन की एनपीए गणना की त्रुटियों को दूर किया जायेगा। संविदा कर्मियों के जैसे ही संविदा चिकित्सको को भी सुविधाएं मिलेंगी। सभी विभागो के डाक्टर को समान कार्य, समान वेतन मिलेगा। चिकित्सा छात्रों के ग्रामीण क्षेत्रों में अनिवार्य सेवा संबंधी बांड राशि का युक्तियुक्तकरण होगा। सहायक प्राध्यापक के विलोपित वेतनमान में सुधार किया जायेगा। शहर के 11 नर्सिंग होम की शिफ्टिंग के नियम सरल किए जायेंगे।

प्रदेश में बिछाया जा रहा है स्वास्थ्य सुविधाओं का जाल

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का जाल बिछाया जा रहा है। शरीर स्वस्थ रहे इससे बड़ा सुख कोई नहीं हो सकता। डॉक्टरों का लोगों को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण योगदान होता है। मरीजों, गरीबों को बेहतर इलाज और आज की चिकित्सा आवश्यकताओं की पूर्ति करने के उद्देश्य से यह नवीन भवन तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर्स जनता को बेहतर चिकित्सा की सुविधाएँ दें, सरकार उनकी सुविधाओं में कोई कमी नहीं रहने देगी। उन्होंने भोपाल गैस त्रासदी और कोविड के दौर में चिकित्सकों और शासकीय अस्पतालों की भूमिका को अद्भुत बताया। मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यक्रम में आधारशिला पुस्तक का विमोचन किया।

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चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का सबसे तेज गति से विकास करने वाला राज्य बन गया है। इसका श्रेय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जाता है। किसी भी राज्य के लिए स्वास्थ्य एवं शिक्षा आधारभूत आवश्यकताएं हैं। प्रदेश में इसके लिए बेहतर ढंग से कार्य हो रहा है। मुख्यमंत्री चौहान लगातार स्वास्थ्य सेवाओं के उन्नयन का कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में हिन्दी में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत बड़ा कार्य किया है। प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि मध्यप्रदेश स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी राज्‍य बन रहा है। प्रदेश में 11 हजार हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर संचालित हो रहे हैं। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, विधायक रामेश्वर शर्मा, महापौर मालती राय, पूर्व महापौर आलोक शर्मा, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा मोहम्मद सुलेमान तथा बड़ी संख्या में डॉक्टर्स उपस्थित थे।

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बढ़ती स्वास्थ्य अधोसंरचना

  • वर्ष 2002-03 में स्वास्थ्य का बजट मात्र 578 करोड़ रुपए था, जो वर्ष 2023-24 में लगभग 20 गुना बढ़कर 11 हजार 988 करोड़ रुपए हो गया है।
  • 2003 में डॉक्टर्स और पैरा-मेडिकल स्टाफ की संख्या लगभग 7500 थी, जो अब बढ़कर 51 हजार से अधिक हो चुकी है।
  • वर्ष 2003 तक प्रदेश में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों की संख्या 5 थी, जो वर्ष 2023 में बढ़कर 24 हो चुकी है।
  • वर्ष 2014 तक प्रदेश में एमबीबीएस की 720 सीटें उपलब्ध थी, जो अब बढ़कर 2 हजार 205 हो चुकी हैं।
  • 19 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से एमबीबीएस सीटों में 4 हजार से अधिक की वृद्धि होगी।
  • भोपाल तथा ग्वालियर मेडिकल कॉलेज की बिस्तर क्षमता को कुल 2 हजार 500 बिस्तर तक बढ़ाया गया।
  • इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में चार नए सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल प्रारंभ। ग्वालियर में 1 हजार बिस्तरीय अस्पताल भी प्रारंभ।
  • जबलपुर में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन तथा इन्दौर में स्कूल ऑफ एक्सीलेंसी फॉर आई स्थापित किए गए हैं।
  • 14 चिकित्सा महाविद्यालयों में नर्सिंग महाविद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं।
  • प्रदेश में 25 शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय संचालित।
  • 250 शासकीय एवं निजी पैरामेडिकल महाविद्यालयों में लगभग 25 हजार छात्र अध्ययनरत।
  • अस्पताल में बिस्तरों की संख्या 21 हजार 234 से बढ़कर 45 हजार से अधिक हुई। आईसीयू बेड की संख्या 277 से बढ़कर 2085 हुई।
  • सभी जिला चिकित्सालयों एवं 100 बिस्तरीय सिविल अस्पतालों में 132 प्रकार की जाँचें निःशुल्क की जा रही हैं। प्रतिदिन 10 हजार मरीज इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।
  • जिला अस्पतालों एवं सिविल अस्पतालों में नि:शुल्क सी.टी. स्केन की सुविधा उपलब्ध।
  • सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 80 प्रकार की जाँचें निःशुल्क की जा रही हैं।
  • सभी उप-स्वास्थ्य केंद्रों में 17 प्रकार की जांचें निःशुल्क की जा रही हैं।
  • प्रदेश के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में हब एंड स्कोप मॉडल पर 45 प्रकार के टेस्ट निःशुल्क हो रहे हैं।

 

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