फरवरी-जुलाई के दौरान चार प्रमुख घरेलू एयरलाइंस पर एएआई का बकाया दोगुना से अधिक हुआ | AAI's outstanding on four major domestic airlines more than doubled during February-July

फरवरी-जुलाई के दौरान चार प्रमुख घरेलू एयरलाइंस पर एएआई का बकाया दोगुना से अधिक हुआ

फरवरी-जुलाई के दौरान चार प्रमुख घरेलू एयरलाइंस पर एएआई का बकाया दोगुना से अधिक हुआ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:54 PM IST, Published Date : September 20, 2020/12:31 pm IST

नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) चार प्रमुख घरेलू विमानन कंपनियों ‘इंडिगो, स्पाइसजेट, गोएयर और एयरएशिया इंडिया’ के ऊपर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) का बकाया कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर फरवरी से जुलाई के दौरान दोगुना से अधिक हो गया है। वरिष्ठ अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।

हालांकि एएआई का सर्वाधिक बकाया एयर इंडिया के ऊपर है, जो आलोच्य अवधि के दौरान 2.75 प्रतिशत बढ़कर 2,258.27 करोड़ रुपये हो गया।

एक विमानन कंपनी को एएआई के 100 से अधिक हवाई अड्डों में से किसी पर सुविधाओं का उपयोग करने के लिये हवाई नेविगेशन, लैंडिंग, पार्किंग आदि जैसे विभिन्न शुल्कों का भुगतान करना पड़ता है। एयर इंडिया और एएआई दोनों नागर विमानन मंत्रालय के तहत आती हैं।

भारत में छह प्रमुख घरेलू विमानन कंपनियां इंडिगो, स्पाइसजेट, गोएयर, एयरएशिया इंडिया, एयर इंडिया और विस्तार हैं, जिनके ऊपर एक अगस्त तक एएआई का कुल 2,562.04 करोड़ रुपये बकाया है। यह एक फरवरी के स्तर से लगभग 10 प्रतिशत अधिक है।

अधिकारियों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की बकाया राशि एक फरवरी को 41.62 करोड़ थी, जो बाद के छह महीने की अवधि में 130.6 प्रतिशत बढ़कर 95.99 करोड़ रुपये हो गयी।

कोरोना वायरस महामारी के चलते यात्रा प्रतिबंधों के कारण विमानन क्षेत्र बेहद प्रभावित हुआ है। इस कारण छह प्रमुख घरेलू विमानन कंपनियों ने पिछले कुछ महीनों के दौरान वेतन कटौती, छंटनी या बिना वेतन के छुट्टी जैसे विभिन्न लागत-कटौती उपायों को अपनाया है।

अधिकारियों ने कहा कि देश की दूसरी सबसे बड़ी विमानन कंपनी स्पाइसजेट के ऊपर एएआई का एक फरवरी को 65.35 करोड़ रुपये का बकाया था, जो एक अगस्त तक बढ़कर 132.4 करोड़ रुपये हो गया।

बकाया भुगतान न करने के कारण एएआई ने एक अगस्त को स्पाइसजेट को कैश एंड कैरी मोड पर रख दिया, जिसका अर्थ है कि एयरलाइन को वहां से उड़ानें संचालित करने के लिये एएआई द्वारा संचालित हवाई अड्डों पर प्रतिदिन शुल्क देना पड़ता है।

स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘स्पाइसजेट अपने दायित्वों को पूरा करने के लिये दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। हमने पहले की तरह एएआई के सभी हवाई अड्डों पर सामान्य संचालन जारी रखा है।’

अधिकारियों ने बताया कि एक फरवरी को एयर इंडिया का बकाया 2,197.6 करोड़ था और यह बढ़कर 2,258.27 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह एयरएशिया इंडिया का बकाया इस दौरान 96 लाख रुपये से बढ़कर 18.89 करोड़ रुपये हो गया।

छह प्रमुख कंपनियों में विस्तार अकेली ऐसी एयरलाइन रही, जिसके ऊपर आलोच्य छह महीने के दौरान एएआई का बकाया कम हुआ है। इस दौरान कंपनी के ऊपर एएआई का बकाया 5.72 करोड़ रुपये से कम होकर 4.31 करोड़ रुपये पर आ गया।

एयरएशिया इंडिया और विस्तार दोनों में टाटा समूह की बहुलांश हिस्सेदारी है।

एयर इंडिया, इंडिगो और विस्तार ने इस मामले पर पीटीआई-भाषा के सवालों का जवाब नहीं दिया।

भाषा सुमन अजय

अजय

 

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