एंजल कर समाप्त होने से स्टार्टअप परिवेश को मिलेगा बढ़ावा: सीबीडीटी प्रमुख

एंजल कर समाप्त होने से स्टार्टअप परिवेश को मिलेगा बढ़ावा: सीबीडीटी प्रमुख

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  • Publish Date - July 24, 2024 / 07:31 PM IST,
    Updated On - July 24, 2024 / 07:31 PM IST

नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि सभी श्रेणी के निवेशकों के लिए एंजल कर को समाप्त करने से उद्यम पूंजी निवेशक और अन्य स्टार्टअप में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के किसी भी मामले का मौजूदा कानूनी व्यवस्था के जरिये ध्यान रखा जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि लंबित प्रत्यक्ष कर अपीलों के निपटान के लिए बजट में घोषित ‘विवाद से विश्वास’ योजना इस साल शुरू की जाएगी। बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के साथ इसकी अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी।

अग्रवाल ने बजट के बाद पीटीआई-भाषा से विशेष बातचीत में कहा, ‘‘इस कर को हटाने से देश में स्टार्टअप परिवेश को बढ़ावा मिलेगा। वह संबंधित इकाइयों से आग्रह करेंगे कि कृपया आगे आएं और निवेश करें क्योंकि देश आपके निवेश, पहल और नवोन्मेष की प्रतीक्षा कर रहा है।’’

यह पूछे जाने पर कि एंजल कर को हटाने के बाद निवेशक कोष के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका है, इससे कैसे निपटा जाएगा, उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कोई उल्लंघन पाया जाता है या पता चलता है कि कोष ‘अघोषित’ स्रोतों से आया है, तो इसमें प्रावधान हैं संबंधित कानून के तहत इसका ध्यान रखा जाएगा।

सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि सरकार का एंजल कर हटाने का कदम वास्तव में स्टार्टअप और एंजल निवेशकों को भी इन निवेश के लिए प्रेरित करेगा और इससे देश को मदद मिलेगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को सभी श्रेणी के निवेशकों के लिए ‘एंजल’ कर समाप्त करने की घोषणा की। इस कदम को स्टार्टअप के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा गया है।

एंजल कर का मतलब वह आयकर है जो सरकार गैर-सूचीबद्ध कंपनियों या स्टार्टअप द्वारा जुटाई गई धनराशि पर लगाती है। यह कर तब लगाया जाता है जब उनका मूल्यांकन कंपनी के उचित बाजार मूल्य से अधिक होता है।

बजट प्रस्ताव का उद्देश्य विवादों और मुकदमेबाजी को कम करना भी है, जिससे कर निश्चिंतता और नीतियों के स्तर पर स्थिरता और भरोसा प्रदान किया जा सके।

अग्रवाल ने यह भी कहा कि लंबित प्रत्यक्ष कर अपीलों के निपटान के लिए बजट में घोषित ‘विवाद से विश्वास’ योजना इस साल शुरू की जाएगी। बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के अलावा इसकी अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी।

उन्होंने कहा कि विभिन्न मंचों पर काफी संख्या में आयकर अपीलें दर्ज की गई हैं। इसको देखते हुए उम्मीद है कि करदाता नई योजना का लाभ उठाएंगे।

उल्लेखनीय है कि प्रत्यक्ष कर श्रेणी के तहत मामलों के निपटान के लिए पहली ‘विवाद से विश्वास’ योजना 2020 में लाई गई थी।

सीबीडीटी प्रमुख के अनुसार एक लाख करदाताओं ने योजना का लाभ उठाया और लगभग 75,000 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘पहली तारीख 31 दिसंबर है जब हम करदाताओं को योजना (विवाद से विश्वास 2024) का विकल्प चुनने का मौका मिलेगा। बहुत जल्द, हम अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न) के साथ इस योजना को अधिसूचित करेंगे।’’

भाषा

रमण अजय

अजय