एआईपीईएफ ने प्रधानमंत्री से बिजली संशोधन विधेयक पर सभी पक्षों से परामर्श का आग्रह किया

एआईपीईएफ ने प्रधानमंत्री से बिजली संशोधन विधेयक पर सभी पक्षों से परामर्श का आग्रह किया

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  • Publish Date - March 17, 2021 / 11:57 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:47 PM IST

नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) बिजली क्षेत्र में कार्यरत इंजीनियरों का संगठन एआईपीईएफ ने बुधवार को कहा कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 पर सभी पक्षों से विचार-विमर्श करने का आग्रह किया है।

एआईपीईएफ (ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन) के प्रवक्ता वी के गुप्ता ने एक बयान में आरोप लगाया, ‘‘बिजली कानून 2003 में जो बदलाव के प्रस्ताव किये गये हैं, वे दूरगामी हैं। ऐसे में प्रमुख पक्षों को इस पर परामर्श से अलग रखना, चौंकाने वाला है। बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 को पारित करने के लिये जो पूरा प्रयास किया जा रहा है, वह गैर-पारदर्शी, अलोकतांत्रिक और भेदभावपूर्ण है।’’

इसीलिए एआईपीईएफ ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि बिजली उपभोक्ता, क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी और इंजीनियर बिजली क्षेत्र में बड़े हितधारक हैं, ऐसे में संसद में बिजली (संशोधन) विधेयक पेश किए जाने से पहले, उस पर उनसे परामर्श किया जाना चाहिए।

एआईपीईएफ के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि बिजली मंत्री ने आर के सिंह ने बिजली सचिवों और बिजली कंपनियों के प्रमुखों (चेयरमैन और प्रबंध निदेशक) से वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये बिजली कानून 2003 में प्रस्तावित बदलाव पर विचार विमर्श किया।

उसके बाद सभी राज्यों के नियामकों के साथ विधेयक के मसौदे के पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने इन बदलावों के संदर्भ में उद्योग संगठनों को संबोधित किया।

फेडरेशन ने कहा कि अब यह खबर है कि विधेयक के मसौदे को विभिन्न मंत्रालयों को जारी किया गया है और उस पर विचार के लिये विधि मंत्रालय के पास भेजा गया है।

संगठन इस बात से निराश है कि प्रस्तावित संशोधन के बारे में मंत्रालय ने ग्राहकों और बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों से कोई बात नहीं की।

दुबे ने कहा कि अगर बिजली (संशोधन) विधेयक, 2021 के संसद में पारित कराने का एकतरफा प्रयास किया जाता है तो उसके खिलाफ बिजली क्षेत्र के इंजीनियर और कर्मचारी ‘नेशनल कॉर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्प्लॉयज एंड इंजीनियर्स’ (एनसीसीओईईई) के बैनर तले आंदोलन शुरू करेंगे।

भाषा रमण मनोहर

मनोहर