वैज्ञानिक प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान पुरस्कार देगा गैर-सरकारी संगठन बीएफआई

वैज्ञानिक प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान पुरस्कार देगा गैर-सरकारी संगठन बीएफआई

वैज्ञानिक प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान पुरस्कार देगा गैर-सरकारी संगठन बीएफआई
Modified Date: July 31, 2025 / 10:20 pm IST
Published Date: July 31, 2025 10:20 pm IST

नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले गैर-लाभकारी संस्थान ब्लॉकचेन फॉर इम्पैक्ट (बीएफआई) ने स्वास्थ्य और वैज्ञानिक प्रगति को बढ़ावा देने के मकसद से राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कारों की शुरुआत की है। बृहस्पतिवार को एक बयान में यह जानकारी दी गई।

बीएफआई के बयान के अनुसार, ये पुरस्कार अनुसंधान को प्रोत्साहित करने और भारत में विभिन्न विषयों में काम कर रहे वैज्ञानिकों तथा नवप्रवर्तकों के असाधारण योगदान को सम्मानित करने के लिए है।

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बीएफआई द्वारा स्थापित राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार विभिन्न श्रेणियों में वितरित किए जाएंगे। दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों को विज्ञान और स्वास्थ्य में उनके गहन योगदान के लिए ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ दिया जाएगा, जिसमें प्रत्येक को 25 लाख रुपये प्राप्त होंगे।

जैव चिकित्सा विज्ञान या सार्वजनिक स्वास्थ्य में समाधान बढ़ाने के लिए भारत स्थानांतरित होने वाले तीन भारतीय मूल के या वैश्विक शोधकर्ताओं, उद्यमियों और नवप्रवर्तकों को ‘संदीप नेलवाल इंडिया फर्स्ट अवार्ड’ दिया जाएगा। इसके तहत प्रत्येक को 2.5 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

बयान में कहा गया कि विश्वस्तर पर जैव चिकित्सा अनुसंधान और सार्वजनिक स्वास्थ्य को नया रूप देने के लिए दो व्यक्तियों को ‘संदीप नेलवाल अवार्ड फॉर ग्लोबल एक्सीलेंस’ दिया जाएगा, जिसमें प्रत्येक को पांच-पांच करोड़ रुपये मिलेंगे।

इसके अलावा, परिवर्तनकारी समाधान लाने वाले 40 वर्ष से कम आयु के दो जैवचिकित्सा वैज्ञानिकों, सार्वजनिक स्वास्थ्य अग्रदूतों और विभिन्न क्षेत्रों में बदलाव लाने वालों को उनके काम की मान्यता देते हुए ‘संदीप नेलवाल यंग इंडियन साइंटिस्ट अवार्ड’ प्रदान किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक को 50-50 लाख रुपये प्राप्त होंगे।

परमार्थ कार्यों से जुड़े और ब्लॉकचेन फॉर इम्पेक्ट (बीएफआई) के संस्थापक संदीप नेलवाल ने कहा, “भारत हमेशा से असाधारण वैज्ञानिक प्रतिभा का केंद्र रहा है। राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कारों के माध्यम से, मेरा उद्देश्य उन शोधकर्ताओं को पहचानना और सशक्त बनाना है जिनका काम भविष्य को आकार देने और भारत में प्रमुख स्वास्थ्य देखभाल मुद्दों को हल करने की क्षमता रखता है।”

नेलवाल ने कहा कि इस पहल के जरिये एक ऐसी संस्कृति का निर्माण करना है जहां नवाचार का सम्मान और पोषण किया जाता है।

भाषा अनुराग रमण

अनुराग


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