बीपीसीएल में रणनीतिक बिक्री नए वित्त वर्ष् की पहली तिमाही तक पूरा करने का लक्ष्य: दीपम सचिव

बीपीसीएल में रणनीतिक बिक्री नए वित्त वर्ष् की पहली तिमाही तक पूरा करने का लक्ष्य: दीपम सचिव

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  • Publish Date - February 11, 2021 / 02:52 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:50 PM IST

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार का जून तिमाही में बीपीसीएल की रणनीति बिक्री को पूरा करने का लक्ष्य है।

आदित्य बिड़ला सनलाइफ म्यूचुअल फंड द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पांडे ने कहा, ‘‘…हम वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। इस पर तेजी से काम हो रहा है। फिलहाल यह जांच-पड़ताल की प्रक्रिया में है।’’

सरकार को देश की दूसरी सबसे बड़ी खुदरा ईंधन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) में नियंत्रणकारी हिस्सेदारी खरीदने को लेकर तीन प्रारंभिक बोलियां मिली हैं।

खनन कंपनी वेदांता ने नवंबर में बीपीसीएल में सरकार की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने को लेकर रूचि पत्र जमा करने की पुष्टि की थी। दो अन्य बोलीदाताओं के बारे में कहा जा रहा है कि वे वैश्विक कोष हैं। उनमें से एक अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट है।

पांडे ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का निजीकरण एक कठिन कार्य है। हालांकि, जब निजी क्षेत्र पुरानी संपत्तियों के अधिग्रहण में रूचि दिखाएंगा, यह कार्यक्रम सफल होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने अर्थव्यवस्था के लिए कई कदम उठाये हैं। इसमें प्रोत्साहन और पूंजी व्यय बढ़ाने जैसे उपाय शामिल हैं। इससे निजी क्षेत्र में रूचि आनी चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि वे विनिवेश प्रक्रिया में शामिल होंगे….।’’

पांडे ने कहा कि सरकार जब केंद्रीय लोक उपक्रमों को बेचने के लिये रूचि पत्र आमंत्रित करती है, निजी क्षेत्र को उसमें रूचि दिखानी चाहिए।

सरकार पहले ही बीपीसीएल, एयर इंडिया, पवन हंस, बीईएमएल, पोत परिवहन निगम और नीलांच इस्पात निगम लि. में रणनीति बिक्री के लिये बोलियां आमंत्रित कर चुकी है। साथ ही आरआइएनएल (राष्ट्रीय इस्पात निगम लि.) या विजाग स्टील की बिक्री प्रक्रिया के लिये भी मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गयी है।

भारतीय जीवनबीमा निगम (एलआईसी) में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के बारे में पांडे ने कहा कि सरकार ने अबतक यह निर्णय नहीं किया है कि इसमें कितनी हिस्सेदारी बेची जाएगी।

सरकार ने 2021-22 में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर