ब्रिटिश एयरवेज को भारत में दिखती हैं अद्भुत संभावनाएं, एयरलाइन की सेवाओं के विस्तार की योजना : सीओओ

ब्रिटिश एयरवेज को भारत में दिखती हैं अद्भुत संभावनाएं, एयरलाइन की सेवाओं के विस्तार की योजना : सीओओ

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  • Publish Date - November 30, 2025 / 02:13 PM IST,
    Updated On - November 30, 2025 / 02:13 PM IST

नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) भारतीय विमानन बाजार में अविश्वसनीय क्षमता को देखते हुए ब्रिटिश एयरवेज बढ़ती यात्रा मांग को पूरा करने के साथ-साथ देश में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए अपनी सेवाओं का विस्तार करेगी। एयरलाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

भारत में 100 वर्षों से अधिक समय से परिचालन कर रही यह एयरलाइन वर्तमान में भारत से लंदन के लिए 56 साप्ताहिक उड़ानें संचालित करती है। मुंबई से रोजाना तीन, दिल्ली से दो तथा हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई से रोजाना एक-एक उड़ान है।

ब्रिटिश एयरवेज अगले साल से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लंदन के लिए तीसरी दैनिक उड़ान शुरू करने की योजना बना रही है, जिसके लिए नियामकीय मंजूरी का इंतजार है।

ब्रिटिश एयरवेज के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) रेने डी ग्रूट ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा, ‘‘मांग जितनी मजबूत होती जा रही है, हम अपनी सेवाओं के विस्तार की निरंतर समीक्षा करते रहते हैं ताकि ग्राहकों को बेहतर संपर्क और विकल्प मिलते रहें। मांग बढ़ने के साथ हम सेवाओं के विस्तार और यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने पर केंद्रित हैं।’’ अमेरिका के बाद भारत ब्रिटिश एयरवेज का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है।

ग्रूट ने कहा कि स्थानीय कर्मचारी प्रीमियम और भाषाई बाधा रहित व्यक्तिगत सेवा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में हम लगातार रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं, क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं को सहयोग दे रहे हैं और साथ ही ब्रिटेन की बेहतरीन चीजों को बढ़ावा भी दे रहे हैं।’’

भारत में एयरलाइन का कॉल सेंटर ‘कॉलबीए’ है जिसमें करीब 2,000 कर्मचारी हैं जो अमेरिका, यूरोप और एशिया-प्रशांत के ग्राहकों को 24 घंटे सहायता प्रदान करते हैं।

कॉलबीए हरियाणा के गुरुग्राम में स्थित है।

ग्रूट ने कहा, ‘‘मानव संसाधन के नजरिये से हमने भारत में भारी निवेश किया है।’’

ग्रूट ने कहा, ‘‘इंडिगो और एयर इंडिया जैसी भारतीय एयरलाइंस की तेज वृद्धि को हम विमानन उद्योग और भारत के वैश्विक विमानन केंद्र बनने की दिशा में सकारात्मक कदम मानते हैं। भारत हमारा दूसरा सबसे बड़ा बाजार है और इंडिगो जैसी कंपनियों के विस्तार के साथ बढ़ती मांग इस बाजार की अपार संभावनाओं को दर्शाती है।’’

भाषा योगेश अजय

अजय