लखनऊ, पांच मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत अनपरा में ‘नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन’ (एनटीपीसी) की मदद से 800 मेगावाट की दो इकाइयां लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गये इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने अनपरा में एनटीपीसी की मदद से 800 मेगावाट की दो इकाइयां लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि पिछले साल लखनऊ में हुई ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ में एनटीपीसी के साथ दो बड़े समझौते किए गए थे। उनका कहना था कि उनमें ओबरा डी में 800 मेगावाट की दो इकाइयां लगाने के प्रस्ताव को पिछले वर्ष ही मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है और अब अनपरा में भी 800 मेगावाट के दो बिजली संयंत्रों को एनटीपीसी की मदद से लगाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना के लिये राज्य सरकार और एनटीपीसी 50-50 प्रतिशत का योगदान करेंगे। उन्होंने कहा कि इस परियोजना की कुल लागत 8,624 करोड़ रुपये है और इसकी पहली इकाई लगभग 50 माह में तैयार हो जाएगी, जबकि दूसरी इकाई 56 महीने में शुरू हो जाएगी। उनके मुताबिक, इसमें 30 प्रतिशत इक्विटी होगी जो राज्य सरकार और एनटीपीसी आपस में वहन करेंगे, जबकि 70 प्रतिशत ऋण लेकर इसे क्रियान्वित किया जाएगा।
शर्मा ने बताया कि इस परियोजना के लिये कोयला नजदीक में ही स्थित खदान से लिया जाएगा जिससे सस्ती बिजली मिलने का रास्ता साफ होगा।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि बैठक में मंत्रिमंडल ने पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा के उत्पादन की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए हरित हाइड्रोजन नीति को मंजूरी दी है।
उन्होंने बताया कि हाइड्रोजन का उपयोग ईंधन के रूप में बड़े कारखानों जैसे उर्वरक संयंत्र, पेट्रोरसायन संयंत्र और इस्पात संयंत्र में होता है। उन्होंने कहा कि अभी तक हाइड्रोजन पैदा करने की जो तकनीक थी वह बिजली या गैस के सहारे होती थी, जिसे ग्रे हाइड्रोजन कहा जाता है। उनके मुताबिक, ग्रे हाइड्रोजन को हरित हाइड्रोजन में परिवर्तित करने की दिशा में बहुत बड़ा काम शुरू हुआ है।
बिजली मंत्री ने कहा कि नीति में आने वाले चार साल यानी 2028 तक प्रतिवर्ष 10 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है।
उनके मुताबिक, यह नीति पांच वर्ष के लिये लागू होगी। इस दौरान जो उद्योग उत्तर प्रदेश में आएंगे उन्हें पांच हजार 45 करोड़ रुपये सब्सिडी एवं अन्य राहत दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि ऐसे उद्योगों को 10 से 30 प्रतिशत तक पूंजी व्यय पर सब्सिडी दी जाएगी। पहले पांच उद्योगों को 40 प्रतिशत तक छूट प्रदान की जाएगी। इसके तहत एनर्जी बैंकिंग का भी प्रावधान किया जा रहा है। दूसरे राज्यों को बिजली भेजने पर जो शुल्क लगता है उसपर 100 प्रतिशत तक छूट दी जाएगी।
भाषा सलीम राजकुमार अजय
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