केयर्न के सीईओ ने मध्यस्थता फैसले पर वित्त सचिव से मुलाकात की, बातचीत को सकारात्मक बताया

केयर्न के सीईओ ने मध्यस्थता फैसले पर वित्त सचिव से मुलाकात की, बातचीत को सकारात्मक बताया

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  • Publish Date - February 18, 2021 / 12:21 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:56 PM IST

नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) भारत सरकार के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसले के लगभग दो महीने बाद ब्रिटेन की कंपनी केयर्न एनर्जी पीएलसी के मुख्य कार्यकारी साइमन थॉमसन ने इस मुद्दे के जल्द समाधान के लिए गुरुवार को शीर्ष वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की।

थॉमसन ने वित्त सचिव अजय भूषण पांडे, सीबीडीटी के अध्यक्ष पी सी मोदी और अन्य कर अधिकारियों से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारे बीच रचनात्मक बातचीत हुई और बातचीत जारी है।’’

बैठक में क्या बातचीत हुई, इस बारे में उन्होंने किसी टिप्पणी से इनकार किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बैठक के बारे में अधिक टिप्पणी नहीं कर सकता।’’

सरकारी अधिकारियों ने 21 दिसंबर के आदेश के खिलाफ अपील करने का संकेत दिया है, जबकि दूसरी ओर केयर्न के शेयरधारक कंपनी प्रबंधन पर दबाव बना रहे हैं कि वे न्यायाधिकरण के आदेश के अनुसार भारत से 1.4 अरब डॉलर वापस लें।

थॉमसन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक का आग्रह किया था और इस संबंध में पिछले सप्ताह एक वीडियो भी पोस्ट किया था।

थॉमसन ने वीडियो में कहा था कि उन्हें अगले हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलने की उम्मीद हैं, ताकि भारत को सुविधाजनक तरीके से 1.4 अरब डॉलर के कर फैसले को पूरा करने के लिए तैयार किया जा सके।

एडिनबर्ग स्थित कंपनी ने पिछले महीने भारत सरकार को लिखा था कि रेट्रोस्पेक्टिव करों पर मुकदमा हारने के बाद यदि सरकार 1.4 अरब डॉलर का भुगतान करने में विफल रहती है, तो कंपनी भारत सरकार की परिसंपत्तियों को जब्त करने के लिए मजबूर हो सकती है।

एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने दिसंबर में सर्वसम्मति से फैसला सुनाया था कि भारत ने 2014 में ब्रिटेन-भारत द्विपक्षीय निवेश संधि के तहत अपने दायित्वों का उल्लंघन कर 10,247 करोड़ रुपये का कर लगाया था।

थॉमसन ने वीडियो संबोधन में कहा था, ‘‘अब मध्यस्थता को अंतिम रूप दे दिया गया है। फैसला आ गया है और हम अनुरोध करेंगे कि भारत सरकार फैसले पर तेजी से आगे बढ़े।’’

उन्होंने कहा कि यह केयर्न के शेयरधारकों के लिए महत्वपूर्ण है, जो वैश्विक वित्तीय संस्थान हैं और जो भारत में एक सकारात्मक निवेश माहौल देखना चाहते हैं।

केयर्न एनर्जी के सूचीबद्ध होने से पहले 2006-07 में भारतीय कारोबार के पुनर्गठन से कंपनी को हुए कथित पूंजीगत लाभ पर करों के रूप में कर विभाग ने 10,247 करोड़ रुपये मांगे थे, और इसके तुरंत बाद विभाग ने केयर्न इंडिया में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी जब्त कर ली।

न्यायाधिकरण ने अपने फैसले में केयर्न को हुए नुकसान की भरपाई के लिए भारत सरकार से 1.4 अरब डॉलर देने को कहा।

केयर्न मध्यस्थता आदेश पर भारत सरकार की प्रतिक्रिया को समझने के लिए वित्त मंत्री के साथ एक बैठक करना चाहती है, जबकि उसके शेयरधारक प्रबंधन से धन वापस पाने के लिए कार्रवाई करने को कह रहे हैं।

भाषा पाण्डेय मनोहर

मनोहर