कार मालिकों को राजनीतिक दलों से बेहतर सड़क, यातायात प्रबंधन की उम्मीदः रिपोर्ट

कार मालिकों को राजनीतिक दलों से बेहतर सड़क, यातायात प्रबंधन की उम्मीदः रिपोर्ट

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  • Publish Date - April 24, 2024 / 04:01 PM IST,
    Updated On - April 24, 2024 / 04:01 PM IST

नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा) मौजूदा लोकसभा चुनाव में दावेदारी पेश कर रहे राजनीतिक दलों से देश के ज्यादातर कार मालिक सड़कों का बेहतर ढांचा खड़ा करने और यातायात पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं। एक सर्वे रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

कार मालिकों के सुपर ऐप ‘पार्क प्लस’ की तरफ से बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के प्रमुख शहरों के 98 प्रतिशत कार मालिकों को इस चुनाव में दावेदारी पेश कर रहे दलों से बेहतर सड़कों को प्राथमिकता देने की उम्मीद है।

इसके अलावा सड़कों पर अधिक संख्या में यातायात पुलिसकर्मियों की तैनाती और आम लोगों के साथ उनके व्यवहार को अधिक दोस्ताना रखने की उम्मीद भी कार मालिकों को है।

वहीं, सर्वेक्षण में शामिल 83 प्रतिशत महिला कार मालिकों की इच्छा है कि यातायात प्रबंधन करने वाले दल में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या को भी बढ़ाया जाना चाहिए।

पार्किंग की खाली जगह के बारे में जानकारी देने वाले ऐप पार्क प्लस ने यह रिपोर्ट चुनावी मौसम में दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद और चेन्नई के 50,000 से अधिक कार मालिकों के बीच कराए सर्वेक्षण के आधार पर जारी की है।

रिपोर्ट में अलग-अलग शहरों के हिसाब से कार मालिकों की प्राथमिताओं का भी जिक्र किया गया है। मसलन, दिल्ली-एनसीआर में कार मालिकों ने दोस्ताना व्यवहार वाले यातायात पुलिसकर्मियों और बेहतर सड़क ढांचे को प्राथमिकता दी है तो मुंबई में जलजमाव से निपटने और व्यस्त समय में यातायात के बेहतर प्रबंधन पर जोर दिया गया है।

पार्क प्लस के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमित लखोटिया ने कहा, ‘देश भर में किए गए इस सर्वे के जरिये हमने कार मालिकों की समस्याओं को समझने और सभी संबंधित पक्षों को एक मंच पर लाकर उनका हल निकालने की कोशिश की है। राजनीतिक दल इन पर ध्यान देकर कार मालिकों की खुशी लौटा सकते हैं।’

अंतरराष्ट्रीय सड़क संघ (आईआरएफ) के सड़क सुरक्षा दूत अखिलेश श्रीवास्तव ने कहा, ‘यह रिपोर्ट इस बात को रेखांकित करती है कि देश के कार मालिक बेहतर यातायात प्रबंधन, महिला यातायात कर्मियों की संख्या बढ़ाने और यातायात पुलिस के दोस्ताना व्यवहार की अपेक्षा करते हैं।’

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

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