Gratuity and Pension: कर्मचारियों को बड़ा झटका, रिटायरमेंट के बाद अब नहीं मिलेगी पेंशन और ग्रेच्युटी!, सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन
Gratuity and Pension New Rule: सरकार ने सख्त निर्देश दे दिए हैं। जिसे यदि कर्मचारी अनदेखा करते हैं तो उन्हें रिटायरमेंट के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी से वंचित होना पड़ सकता है।
Pension and gratuity
Gratuity and Pension New Rule: नई दिल्ली। केंद्र सरकार कर्मचारियों के लिए कई सौगातें लाती रहती है। हाल ही में केंद्र ने कर्मचांरियों के डीए में बढ़ोतरी भी की। लेकिन अब केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सरकार ने सख्त निर्देश दे दिए हैं। जिसे यदि कर्मचारी अनदेखा करते हैं तो उन्हें रिटायरमेंट के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी से वंचित होना पड़ सकता है।
दरअसल, सरकार ने कर्मचारियों के काम को लेकर चेतावनी जारी की है। अगर कोई कर्मचारी काम में लापरवाही करता है तो सरकार के नए नियम एक अनुसार, रिटायरमेंट के बाद उसके पेंशन व ग्रेच्युटी रोकने का निर्देश दिया गया है। यह आदेश केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू रहेगा, लेकिन आगे जाकर इस पर राज्य भी अमल कर सकते हैं।
सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन
Gratuity and Pension New Rule: केंद्र सरकार ने हाल में सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल 2021 के तहत एक नोटिफिकेशन जारी किया है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल में ही सीसीएस (पेंशन) नियम 2021 के रूल 8 में बदलाव किया था, जिसमें नए प्रावधान जोड़े गए हैं। इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अगर केंद्रीय कर्मचारी अपने सेवाकाल के दौरान किसी गंभीर अपराध या लापरवाही में दोषी पाए जाएंगे तो रिटायरमेंट के बाद उनकी ग्रेच्युटी और पेंशन रोक दी जाएगी।
गौरतलब है कि केंद्र की तरफ से बदले नियम में की जानकारी सभी संबंधित प्राधिकरणों को भेज दी गई है। इतना ही नहीं, इसमें यह भी साफ कर दिया गया है कि दोषी कर्मचारियों की जानकारी मिलती है तो उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने की कार्रवाई शुरू की जाए। यानी सरकार इस बार इस नियम को लेकर सख्त है।
जानिए कौन करेगा कार्रवाई?
– ऐसे प्रेसिडेंट जो रिटायर्ड कर्मचारी के अप्वाइंटिंग अथॉरिटी में शामिल रहे हैं, उन्हें ग्रेच्युटी या पेंशन रोकने का अधिकार दिया गया है।
– ऐसे सचिव जो सम्बंधित मंत्रालय या विभाग से जुड़े हों जिसके तहत रिटायर होने वाले कर्मचारी की नियुक्ति की गई हो, उन्हें भी पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने का अधिकार दिया गया है।
– अगर कोई कर्मचारी ऑडिट और अकाउंट विभाग से रिटायर हुआ है तो सीएजी को दोषी कर्मचारियों के रिटायर होने के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने का अधिकार दिया गया है।
कैसे होगी कार्रवाई?
– जारी नियम के अनुसार, नौकरी के दौरान अगर इन कर्मचारियों के खिलाफ कोई विभागीय या न्यायिक कार्रवाई हुई तो इसकी जानकारी भी संबंधित अधिकारियों को देना जरूरी होगा।
– अगर कोई कर्मचारी रिटायर होने के बाद फिर से नियुक्त हुआ है तो उस पर भी यही नियम लागू होंगे।
– अगर कोई कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी का भुगतान ले चुका है और फिर दोषी पाया जाता है तो उससे पेंशन या ग्रेच्युटी की पूरी अथवा आंशिक राशि वसूली जा सकती है।
– इसका आकलन विभाग को हुए नुकसान के आधार पर किया जाएगा।
– अथॉरिटी चाहे तो कर्मचारी की पेंशन या ग्रेच्युटी को स्थायी अथवा कुछ समय के लिए भी रोक सकता है।
अंतिम आदेश से पहले लेना होगा सुझाव
इस नियम के अनुसार, ऐसे स्थिति में किसी भी अथॉरिटी को अंतिम आदेश देने से पहले यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन से सुझाव लेना होगा। इसमें यह भी प्रावधान है कि किसी भी मामले में जहां पेंशन को रोका या निकाला जाता है, उसमें न्यूनतम राशि 9000 रुपये प्रति माह से कम नहीं होनी चाहिए, जो रूल 44 के तहत पहले से निर्धारित है।

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