केंद्र का लक्ष्य भारत को विनिर्माण, सेवाओं के लिए आकर्षक गंतव्य बनाना: सीतारमण

केंद्र का लक्ष्य भारत को विनिर्माण, सेवाओं के लिए आकर्षक गंतव्य बनाना: सीतारमण

केंद्र का लक्ष्य भारत को विनिर्माण, सेवाओं के लिए आकर्षक गंतव्य बनाना: सीतारमण
Modified Date: April 20, 2024 / 04:59 pm IST
Published Date: April 20, 2024 4:59 pm IST

अहमदाबाद, 20 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि केंद्र ने भारत को विनिर्माण और सेवाओं के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाने के लिए नीतियां तैयार की हैं।

उन्होंने आगे जोड़ा कि न केवल घरेलू बाजार के लिए बल्कि निर्यात के लिए भी उत्पादन करने पर सरकार का जोर है।

वह अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अपनी बैठक स्थगित करने पर एक सवाल का जवाब दे रही थीं।

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उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ”निवेश आकर्षित करने के लिए नीतियां बनाई गई हैं। हम चाहते हैं कि विनिर्माता और निवेशक न केवल भारत के लिए, बल्कि यहां से निर्यात करने के लिए भी आएं और उत्पादन करें। हम नीतियों के माध्यम से विनिर्माताओं और निवेशकों को आकर्षित करने का प्रयास करेंगे।”

टेस्ला के सीईओ मस्क ने शनिवार को कहा कि कंपनी के भारी दायित्वों के कारण उनकी भारत यात्रा में देरी हो रही है।

सीतारमण ने कहा, ”जब बड़ी कंपनियां भारत आने में रुचि दिखाती हैं, तो हम उनके लिए यहां आने और निवेश को आकर्षक बनाने के लिए सब कुछ करेंगे। उस प्रक्रिया में, अगर चर्चा करने के लिए कुछ भी होगा, तो हम निश्चित रूप से चर्चा करेंगे। हमने जो भी किया है, नीति के जरिए किया है।”

उन्होंने कहा कि नीतियों को इस तरह से तैयार किया गया है ताकि भारत को विनिर्माण और सेवाओं के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाया जा सके।

वित्त मंत्री ने मुद्रास्फीति के बारे में बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार के तहत एक महीने को छोड़कर, यह कभी भी सहनशील सीमा को पार नहीं कर पाई। उन्होंने आगे जोड़ा कि 2014 से पहले अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में थी और मुद्रास्फीति दोहरे अंकों में थी।

सीतारमण ने कहा, ”उस समय (2014 से पहले) किसी को भी देश से कोई उम्मीद नहीं थी। बहुत कड़ी मेहनत के बाद, हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरे हैं और आत्मविश्वास से कह रहे हैं कि अगले दो से ढाई साल में हम तीसरे स्थान पर होंगे।”

रोजगार के बारे में उन्होंने कहा कि औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों के आंकड़ों में कमी है, लेकिन केंद्र की पहल से लाखों लोगों को रोजगार मिला है।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय


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