नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लोगों के सपने और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिये केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ‘टीम इंडिया’ के रूप में करने के साथ दीर्घकालीन साझा दृष्टिकोण तैयार करने की जरूरत है। वर्ष 2047 भारत की आजादी का सौवां साल है।
नीति आयोग संचालन परिषद की शनिवार को आठवीं बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने राज्यों से राजकोषीय अनुशासन बनाये रखने को भी कहा। उन्होंने सूझ-बूझ के साथ ऐसे वित्तीय निर्णय लेने को कहा जो लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करे।
प्रधानमंत्री ने राज्यों से न केवल बुनियादी ढांचा और लॉजिस्टिक के लिये बल्कि स्थानीय क्षेत्र विकास तथा सामाजिक बुनियादी ढांचा सृजित करने के लिये गतिशक्ति पोर्टल के उपयोग करने का आग्रह किया।
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बीवीआर सुब्रमणियम ने परिषद की बैठक के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि इसमें 19 राज्यों के मुख्यमंत्री और छह केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टनेंट गवर्नर शामिल हुए।
हालांकि 11 राज्यों के मुख्यमंत्री इसमें शामिल नहीं हुए। ये राज्य हैं…पंजाब, बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक, दिल्ली, तेलंगाना, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल, केरल, मणिपुर और राजस्थान।
यह पहली बैठक थी जो हाल में प्रगति मैदान में बने सम्मेलन केंद्र में हुई। इसी सम्मेलन केंद्र में इस साल जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने संचालन परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिये राज्यों और जिलों के दृष्टिकोण का राष्ट्रीय सोच के साथ तालमेल जरूरी है।
इससे पहले, नीति आयोग ने ट्विटर पर लिखा था, ‘‘नीति आयोग संचालन परिषद की आठवीं बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब राज्य बढ़ते हैं, तो भारत बढ़ता है। उन्होंने 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए साझा दृष्टिकोण विकसित करने के महत्व पर जोर दिया।’’
उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से नीति आयोग के साथ मिलकर काम करने को कहा ताकि देश अमृत काल के दृष्टिकोण को हासिल करने में लंबी छलांग लगा सके।
प्रधानमंत्री ने राज्यों से वित्तीय मामलों में सूझबूझ के साथ निर्णय लेने को कहा। उन्होंने कहा कि यह उन्हें वित्तीय रूप से मजबूत बनाएगा और नागरिकों के कल्याण के लिये कार्यक्रमों को लागू करने में सक्षम बनाएगा।
आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री/लेफ्टिनेंट गर्वनर ने नीतियों के स्तर पर कई सुझाव दिये। उन्होंने राज्यों से संबंधित कुछ मुद्दों का जिक्र किया जिसके लिये केंद्र-राज्य सहयोग जरूरत है।
उन्होंने बेहतर गतिविधियों के लिये कुछ प्रमुख सुझाव दिये, उसमें हरित रणनीति अपनाना, क्षेत्रवार योजना तैयार करना, शहरी नियोजन, कृषि, लॉजिस्टिक आदि शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नीति आयोग राज्यों की चिंताओं, चुनौतियों और बेहतर गतिविधियों का अध्ययन करेंगे तथा उसके अनुसार आगे का रास्ता तैयार करेंगे।
उन्होंने कहा कि नीति आयोग राज्यों को अगले 25 साल के लिये उनकी रणनीति तैयार करने तथा उसे राष्ट्रीय विकास एजेंडा के साथ तालमेट बैठाने में मदद करने के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
नीति आयोग संचालन परिषद की बैठक में भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने के मकसद से स्वास्थ्य, कौशल विकास, महिला सशक्तीकरण और बुनियादी ढांचा विकास समेत कई मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया।
बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल के साथ उत्तर प्रदेश, असम, झारखंड तथा मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए।
पश्चिम बंगाल, पंजाब और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने बैठक का बहिष्कार किया।
आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रवार को पत्र लिखा था और केंद्र के हाल के अध्यादेश के खिलाफ नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि देश में सहयोगपूर्ण संघवाद को ‘मजाक’ बना दिया गया है।
पंजाब की आप सरकार के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी बैठक का बहिष्कार किया।
परिषद की पूर्ण बैठक हर साल होती है। पिछले साल मोदी की अध्यक्षता में यह बैठक सात अगस्त को हुई थी।
परिषद की पहली बैठक आठ फरवरी, 2015 को हुई थी। कोरोना वायरस महामारी के कारण 2020 में बैठक नहीं बुलायी गयी थी।
भाषा रमण पाण्डेय
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