बाल विकास, मध्यान्ह भोजन योजनाओं में दिया जाएगा पौष्टिक तत्वों से संवर्धित

बाल विकास, मध्यान्ह भोजन योजनाओं में दिया जाएगा पौष्टिक तत्वों से संवर्धित

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  • Publish Date - March 11, 2021 / 03:14 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:05 PM IST

नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास के तहत, सरकार ने समन्वित बाल विकास सेवाओं और मध्यान्ह भोजन जैसी योजनाओं में पोषक तत्वों से संवर्धित चावल की आपूर्ति बढ़ाने का फैसला किया है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

इस समय परीक्षण योजना के तहत छह राज्यों में एक-एक जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली से इस तरह के चावल का वितरण किया जा रहा है। यह केन्द्रीय योजना, वर्ष 2019-20 में तीन महीनों के लिए प्रायोगिक आधार पर 15 राज्यों में इस योजना को लागू करने का निर्णय लिया था।

इस योजना का उद्देश्य देश में आबादी में रक्त-अल्पता और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी की समस्या को दूर करना है।

इस साल जनवरी तक, छह राज्यों – आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में पीडीएस के माध्यम से लगभग 94,574 टन फोर्टीफाइड चावल वितरित किया गया है।

अधिकारी ने कहा पीटीआई-भाषा से कहा, ‘प्रायोगिक योजना के तहत जल्द ही केरल, ओडिशा और मध्य प्रदेश में संवर्धित चावल का वितरण शुरू होने की संभावना है।’ उन्होंने कहा कि सरकार बाकी राज्यों से भी बातचीत कर रही है जहां यह कार्यक्रम शुरू होना है।

अधिकारी ने कहा कि पीडीएस के अलावा, खाद्य मंत्रालय ने समन्वित बाल विकास सेवाओं (आईसीडीएस) और मध्यान्ह भोजन योजना (एमडीएम) के तहत पोषक तत्वों से समृद्ध चावल के वितरण को अप्रैल से पूरे देश में लागू करने का फैसला किया है।

अभी इस तरह का 15,000 टन चावल प्रति वर्ष मिल रहा है। इसकी मात्रा बढ़ाने के उपाय किए जा रहे हैं।

भाषा राजेश राजेश मनोहर

मनोहर