चीनी व्यापार निकाय एआईएसटीए का निर्यात सीमा संबंधी नियमों बदलाव का अनुरोध

चीनी व्यापार निकाय एआईएसटीए का निर्यात सीमा संबंधी नियमों बदलाव का अनुरोध

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  • Publish Date - August 13, 2025 / 12:20 PM IST,
    Updated On - August 13, 2025 / 12:20 PM IST

नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ (एआईएसटीए) ने सरकार से बुधवार को अनुरोध किया कि निर्यात कोटा केवल उन्हीं मिलों के लिए हो, जो अपनी सुविधाओं से निर्यात करने को तैयार हैं।

निर्यात कोटा के तहत सरकार यह तय करती है कि एक निश्चित अवधि में कितनी मात्रा में चीनी का निर्यात किया जा सकता है। इसका उद्देश्य घरेलू बाजार में चीनी की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखना और कीमतों को स्थिर रखना है।

संगठन ने कहा कि मौजूदा प्रणाली से निर्यात में बाधा आती है और मिलों का मुनाफा प्रभावित होता है।

चीनी व्यापार संघ एआईएसटीए ने कहा कि मौजूदा कोटा प्रणाली जो पिछले उत्पादन के आधार पर सभी मिलों को सीमित निर्यात का आवंटन करती है.. दूर इलाकों में स्थित या निर्यात-अनिच्छुक मिलों को उनकी चीनी दूसरों को बेचने की अनुमति देती है उससे बड़ी मात्रा में चीनी का निर्यात नहीं हो पाता।

एआईएसटीए ने कहा, ‘‘ इससे दूरदराज के इलाकों में स्थित या निर्यात में रुचि न रखने वाली मिलें निर्यात सीमा के अनुरूप अपनी चीनी दूसरों को बेच देती हैं। यहां तक कि काफी मात्रा में चीनी का निर्यात नहीं हो पाता जिसके परिणामस्वरूप मिलों के पास चीनी का भंडार अपेक्षा से अधिक हो जाता है।’’

चीनी निर्यात वर्तमान में प्रतिबंधित सूची में है और सरकार मिलों के बीच आनुपातिक रूप से वितरित सीमा के माध्यम से मात्रा को नियंत्रित करती है।

एआईएसटीए ने 15 जनवरी 2024 से एथनॉल पर लगाए गए 50 प्रतिशत निर्यात शुल्क की भी आलोचना की और कहा कि यह स्थानीय आपूर्ति को अपेक्षित रूप से बढ़ाने में विफल रहा है।

संगठन ने बयान में कहा कि भारत के एथनॉल कार्यक्रम में सी-भारी शीरा की हिस्सेदारी दो प्रतिशत से कम है।

व्यापार निकाय ने तर्क दिया कि सीमित निर्यात ने बिना भट्टियों वाली मिलों को नुकसान पहुंचाया है, जिससे गुड़ निर्यात करने और गन्ना किसानों को समय पर भुगतान करने की उनकी क्षमता प्रभावित हुई है।

एआईएसटीए के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने विपणन वर्ष 2024-25 (अक्टूबर से सितंबर) में आठ अगस्त तक 6.44 लाख टन चीनी का निर्यात किया, जिसमें सोमालिया को सबसे अधिक 1.26 लाख टन की खेप दी गई।

सरकार ने 20 जनवरी 2025 को 2024-25 के लिए चीनी निर्यात की अनुमति दी। इससे विपणन वर्ष के लिए कुल 10 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति मिली।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा