अब आय बढ़ाने के लिए हो रहा एआई का इस्तेमाल: एडब्ल्यूएस अधिकारी

अब आय बढ़ाने के लिए हो रहा एआई का इस्तेमाल: एडब्ल्यूएस अधिकारी

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  • Publish Date - December 25, 2025 / 09:39 PM IST,
    Updated On - December 25, 2025 / 09:39 PM IST

लास वेगास, 25 दिसंबर (भाषा) अमेजन वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश के वित्तीय संस्थान अब जेनेरेटिव कृत्रिम मेधा (एआई) के प्रयोग के शुरुआती चरण से आगे निकल चुके हैं और इसे बड़े पैमाने पर लागू कर रहे हैं।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब एआई का इस्तेमाल सिर्फ खर्च को कम करने के लिए नहीं, बल्कि आय बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।

एडब्ल्यूएस इंडिया और दक्षिण एशिया में वित्तीय सेवाओं और समूह कारोबार के प्रमुख किरण जगन्नाथ ने बताया कि शुरुआत में एआई पर चर्चा काम की गति और उत्पादकता बढ़ाने तक सीमित थी, लेकिन अब रुख एजेंटिक एआई की ओर हो रहा है। इसमें ऐसी स्वचालित डिजिटल प्रणाली शामिल हैं, जो जटिल काम अपने आप कर सकते हैं।

उनका कहना है कि अगले तीन वर्षों में भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में यही सबसे अहम प्रौद्योगिकी बदलाव होगा।

उन्होंने कहा कि देश में पिछले पांच से 10 वर्षों में तेजी से डिजिटल बदलाव हुआ है, जिससे वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में कई नए अवसर पैदा हुए हैं। महामारी के बाद बैंकों, बीमा कंपनियों और अन्य वित्तीय संस्थानों का ग्राहकों से जुड़ने का तरीका भी पूरी तरह बदल गया है।

जगन्नाथ ने बताया कि एआई से मिलने वाली दक्षता अब सीधे कंपनियों की आय बढ़ाने में मदद कर रही है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी कैशफ्री ने एआई की मदद से व्यापारियों को जोड़ने की प्रक्रिया को कई घंटों से घटाकर कुछ ही मिनटों में पूरा कर दिया, जिससे कारोबार का नुकसान होने से बच गया।

उन्होंने कहा कि पहले जेनेरेटिव एआई से उत्पादकता बढ़ाने पर जोर था, लेकिन अब इसका इस्तेमाल कारोबारी प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने और आय बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।

जगन्नाथ के अनुसार, बैंकिंग क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव पुराने मुख्य बैंकिंग सिस्टम को आधुनिक बनाने को लेकर हो रहा है। पहले बैंक पुराने सिस्टम के ऊपर ही डिजिटल सुविधाएं जोड़ते थे, लेकिन अब कुछ बैंक अपने मूल सिस्टम को नया रूप दे रहे हैं, जबकि कुछ नए ग्राहकों को आधुनिक क्लाउड आधारित सिस्टम से जोड़ रहे हैं और पुराने सिस्टम को धीरे-धीरे सुधार रहे हैं।

उन्होंने बताया कि जोखिम प्रबंधन के लिए भी नई तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा है।

उन्होंने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का उदाहरण दिया।

जगन्नाथ ने बताया कि बीएसई ने एडब्ल्यूएस के एक साझेदार के साथ मिलकर ऐसी प्रणाली तैयार की है, जो यदि किसी स्टॉक ब्रोकर का मंच बंद हो जाए तो 15 मिनट के भीतर सक्रिय हो सकती है।

भाषा योगेश रमण

रमण

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