सीओएआई की नीलामी माध्यम से तत्काल ‘ई’ और ‘वी’ बैंड स्पेक्ट्रम आवंटित करने की मांग

सीओएआई की नीलामी माध्यम से तत्काल ‘ई’ और ‘वी’ बैंड स्पेक्ट्रम आवंटित करने की मांग

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  • Publish Date - September 28, 2020 / 03:41 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:48 PM IST

नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) दूरसंचार कंपनियों के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने उच्च वाणिज्यिक मूल्य रखने वाले ‘ई’ और ‘वी’ बैंड स्पेक्ट्रम को नीलामी के रास्ते तत्काल आवंटित करने की सोमवार को मांग की। ताकि दूरसंचार सेवाप्रदाताओं तक इनकी पहुंच सुनिश्चित हो सके।

सीओएआई ने इसी के साथ सरकार को इन स्पेक्ट्रम बैंड को लाइसेंस मुक्त बनाने या इसके प्रशासकीय आवंटन को लेकर कोई भी निर्णय करने के प्रति चेताया। उसका कहना है कि ऐसा करना मौजूदा नीतिगत ढांचे का उल्लंघन होगा। यह लाइसेंसधारक दूरसंचार कंपनियों के लिए असमान प्रतिस्पर्धा क्षेत्र का निर्माण करेगा और इससे सरकार को भी राजस्व हानि होगी।

संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद को लिख पत्र में सीओएआई ने सोमवार को पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया के रास्ते तत्काल इन बैंड के स्पेक्ट्रम की आवंटन की मांग की।

सीओएआई ने जोर देकर कहा कि देश में 5जी व्यवस्था के लिए ये बैंड बहुत मूल्यवान संसाधन हैं। साथ ही ये बैंड मोबाइल ब्रॉडबैंड के लिए बैकहॉलिंग की अहम कड़ी भी हैं।

रेडियो तरंगों का उपयोग मोबाइल फोन को सिग्नल पहुंचाने में किया जाता है। इनको आम तौर पर स्पेक्ट्रम तक पहुंच उपलब्ध कराना कहते हैं। वहीं बैकहॉल स्पेक्ट्रम मोबाइल टावरों के बीच सिग्नल स्थापित करने के काम आता है।

सीओएआई ने कहा, ‘‘ उच्च वाणिज्यिक मूल्य वाले ‘ई’ और ‘वी’ बैंड को लाइसेंस मुक्त करने या प्रशासकीय आवंटन करने का कोई भी निर्णय प्रौद्योगिकी की दृष्टि से व्यावहारिक नहीं होगा। यह स्पेक्ट्रम आवंटन की मौजूदा नीतिगत ढांचे का उल्लंघन होगा जो माननीय उच्चतम न्यायालय के सिद्धांतों के खिलाफ होगा। यह न्यायालय की अवमानना होगा।’’

सीओएआई के महानिदेशक एस. पी. कोचर ने कहा कि इस तरह का कदम लाइसेंस धारक दूरसंचार कंपनियों के लिए असमान प्रतिस्पर्धा क्षेत्र का निर्माण करेगा। यह इन बैंड के प्रभावी उपयोग की गारंटी नहीं देगा और इससे सरकार को राजस्व की बड़ी हानि होगी।

‘ई’ बैंड के तहत 71-76 गीगाहर्ट्ज और 81-86 गीगाहर्ट्ज रेडियो तरंगे आती हैं। ‘वी’ बैंड के तहत 57-64 गीगाहर्ट्ज की रेडियो तरंगें होती हैं। यह तरंगें उच्च गति के इंटरनेट को भेजने में सक्षम होती हैं।

भाषा शरद मनोहर

मनोहर