कोयला कंपनियां खदान मुहाने से कोयले की ढुलाई के लिये यंत्रीकृत व्यवस्था अपनाएंगी: जोशी

कोयला कंपनियां खदान मुहाने से कोयले की ढुलाई के लिये यंत्रीकृत व्यवस्था अपनाएंगी: जोशी

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  • Publish Date - December 14, 2020 / 02:31 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:28 PM IST

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (भाषा) कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को कहा कि कोल इंडिया समेत सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियां बड़े खदानों से कोयले की ढुलाई के लिये सड़क मार्ग से ढुलाई के बजाय वैकल्पिक परिवहन के तरीके अपनाएंगी। इसमें मशीनीकृत कनवेयर प्रणाली (आसानी से ढुलाई वाली व्यवस्था), मालगाड़ियों में कंप्यूटरीकृत तरीके से लदान समेत अन्य उपाय शामिल हैं।

खान के मुहाने से परिवहन स्थल तक पहुंचाने (फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी) की परियोजनाओं पर कोयला एवं खान मंत्रालय की परामर्श समिति की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मंत्री ने कहा कि इस परियोजना से कोयला खदान क्षेत्रों में यातायात जाम, सड़क हादसे और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव में कमी आएगी और सुगमता बढ़ेगी।

मंत्री ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियां मशीनीकृत कनवेयर प्रणाली (आसानी से ढुलाई वाली व्यवस्था), मालगाड़ियों में कंप्यूटरीकृत तरीके से लदान आदि जैसी वैकल्पिक परिवहन के तरीकों को अपनाएंगी।’’

इससे पहले, कोल इंडिया लि. (सीआईएल) ने कहा था कि उसने खान के मुहाने से परिवहन स्थल तक पहुंचाने की 14 परियोजनाएं चिन्हित की है जिसमें 3,400 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा। इन परियोजनाओं का मकसद खानों से परिवहन की सुविधा को बेहतर बनाना है।

सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियां खान के मुहाने से कोयले के परिवहन के लिये सड़क मार्ग के बजाए कनवेयर बेल्ट जैसे यंत्रीकृत प्रणाली को अपना रही है। इससे परिवहन में कम समय लगता है और जाम, दुर्घटना तथा पर्यावरण की समस्या कम होती है।

भाषा

रमण महाबीर

महाबीर