नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) देश के शीर्ष 75 मूल्यवान ब्रांड का संयुक्त मूल्यांकन 19 प्रतिशत बढ़कर बढ़कर 450.5 अरब डॉलर हो गया है। विपणन आंकड़े और विश्लेषण से जुड़ी कंपनी कांतार ब्रांड्ज की रिपोर्ट में यह कहा गया है।
इसमें कहा गया है कि भारत की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) लगातार तीसरे साल सबसे मूल्यवान ब्रांड बनी रही। इसके बाद एचडीएफसी बैंक, एयरटेल, इन्फोसिस और एसबीआई का स्थान रहा।
इसमें कहा गया है, ‘‘टीसीएस का ब्रांड मूल्य 49.7 अरब डॉलर रहा। यह पिछले साल की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है। ब्रांड मूल्य में वृद्धि का प्रमुख कारण विशेष रूप से कृत्रिम मेधा (एआई) के क्षेत्र में नवोन्मेष और डिजिटल परिवर्तन में निवेश है।’’
कांतार ब्रांड्ज की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष के दौरान 54 ब्रांड ने सालाना आधार पर अपने ब्रांड मूल्य को बढ़ाया है। साथ ही सभी कारोबारी क्षेत्रों के ब्रांड ने वृद्धि को गति दी है।
सूची में वित्तीय सेवा से जुड़े ब्रांड का दबदबा है। इसमें कुल 17 ब्रांड ने समग्र ब्रांड मूल्य रैंकिंग में 28 प्रतिशत का योगदान दिया है। एचएफडीसी बैंक 38.3 अरब डॉलर के मूल्यांकन के साथ दूसरे स्थान पर है जबकि सार्वजनिक क्षेत्र का भारतीय स्टेट बैंक 18 अरब डॉलर के मूल्यांकन के साथ पांचवें स्थान पर है।
आईसीआईसीआई बैंक 15.6 अरब अरब डॉलर के मूल्यांकन के साथ छठे स्थान और एलआईसी 11.5 अरब डॉलर के मूल्यांकन के साथ 10वें स्थान पर है।
खाना ऑर्डर करने के ऑनलाइन मंच जोमैटो में सबसे तेज वृद्धि हुई है। इसका ब्रांड मूल्य दोगुना होकर 3.5 अरब डॉलर हो गया है और यह 31वें स्थान पर रहा। इसके ब्रांड मूल्य में वृद्धि का कारण नवोन्मेष पर जोर और तेजी से सामान पहुंचने के कारोबार में विस्तार’ है।
वाहन क्षेत्र में मारुति सुजुकी का दबदबा रहा और यह 17वें स्थान पर है। इसके बाद बजाज ऑटो का स्थान रहा और वह 20वें स्थान पर रहा। महिंद्रा एंड महिंद्रा के ब्रांड मूल्यांकन में 78 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और वह 30वें स्थान पर है।
इस साल की रैंकिंग 108 श्रेणियों में 1,535 ब्रांड पर 1.41 लाख प्रतिभागियों की राय पर आधारित है।
भाषा रमण अजय
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