निर्यात लक्ष्य का एक दायरा तय करने पर विचार कर रहा है वाणिज्य मंत्रालय
निर्यात लक्ष्य का एक दायरा तय करने पर विचार कर रहा है वाणिज्य मंत्रालय
नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) वैश्विक आर्थिक परिदृश्य की बढ़ती अनिश्चितताओं के बीच वाणिज्य मंत्रालय चालू वित्त वर्ष के लिए निर्यात का कोई एक लक्ष्य तय करने के बजाय एक दायरा तय करने के बारे में विचार कर रहा है।
एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि निर्यात लक्ष्य का एक दायरा तय करने के लिए इस समय 200 देशों और 31 जिंस समूहों को लेकर एक विस्तृत अध्ययन किया जा रहा है।
निर्यात लक्ष्य का दायरा कई मानदंडों पर निर्भर करेगा। वर्ष 2030 तक वस्तुओं का निर्यात एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में आयातक देशों का आयात आंकड़ा और देश के जीडीपी एवं निर्यात अनुपात जैसे मानदंडों से पिछले एवं संभावित रुझानों को परखा जाएगा।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हम निर्यात लक्ष्य के तौर पर कोई एक आंकड़ा नहीं तय कर रहे हैं। असल में हमारी टीम निर्यात लक्ष्य का एक दायरा तय करने की बात कर रही है। बेहतरीन हालात में निर्यात इस स्तर तक जा सकता है और बदतर हालात में यह इतना रह सकता है।’’
उन्होंने कहा कि हर महीने निर्यात की निगरानी करने के इरादे से एक तय संख्या की जरूरत होगी और इसके लिए निर्धारित दायरे के मध्यमान या औसत को स्वीकार किया जा सकता है।
हालांकि, मंत्रालय अभी निर्यात का दायरा नहीं घोषित करने जा रहा है। इसके लिए अभी कुछ और वक्त तक इंतजार किया जाएगा।
एक व्यापार विशेषज्ञ ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में देश का वस्तु निर्यात 450 अरब डॉलर रहा था। इस आधार पर वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 451 अरब डॉलर से लेकर 495 अरब डॉलर के दायरे में निर्यात का लक्ष्य तय किया जा सकता है।
जून के महीने में देश का निर्यात 22 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ 32.97 अरब डॉलर पर आ गया। सरकार ने इसके लिए अमेरिका और यूरोप में मांग में कमी आने को जिम्मेदार बताया है।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में निर्यात कुल 15.13 प्रतिशत गिरकर 102.68 अरब डॉलर रहा है।
भाषा प्रेम
प्रेम अजय
अजय

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