Cryptocurrency Income : क्रिप्टो करेंसी से आय CBDT की जांच के घेरे में, लोगों को भेजे जा रहे ई-मेल

Cryptocurrency income under CBDT scanner: क्रिप्टो करेंसी से आय सीबीडीटी की जांच के घेरे में, लोगों को भेजे जा रहे ई-मेल

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  • Publish Date - June 13, 2025 / 10:19 PM IST,
    Updated On - June 13, 2025 / 10:49 PM IST

Cryptocurrency Prices Today

HIGHLIGHTS
  • आयकर विभाग ने हजारों चूककर्ताओं को भेजा ई-मेल
  • आयकर अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन

नयी दिल्ली: Cryptocurrency income under CBDT scanner, क्रिप्टो करेंसी से होने वाली आय अब आयकर विभाग की जांच के घेरे में है। विभाग ने हजारों ऐसे व्यक्तियों को ई-मेल भेजा है, जिन्होंने क्रिप्टो करेंसी का लेनदेन किया है, लेकिन अपने रिटर्न में इससे होने वाली आय का उल्लेख नहीं किया है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि ये लेनदेन आकलन वर्ष 2023-24 और 2024-25 से संबंधित हैं।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को उन कुछ ‘उच्च जोखिम’ वाले लोगों पर कर चोरी और धनशोधन में शामिल होने का संदेह है, जो संभावित रूप से ‘बेहिसाब’ आय का उपयोग आभासी डिजिटल परिसंपत्तियों (वीडीए) यानी क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने के लिए कर रहे हैं।

आयकर विभाग ने हजारों चूककर्ताओं को भेजा ई-मेल

सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि आयकर विभाग ने उन हजारों चूककर्ताओं को ई-मेल भेजकर उन्हें अद्यतन आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के लिए कहा है, जिन्होंने क्रिप्टो लेनदेन के कारण होने वाली आय की घोषणा नहीं की है या गलत तरीके से जानकारी दी है।

आयकर अधिनियम की धारा 115बीबीएच के अनुसार, क्रिप्टो लेनदेन से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर के अलावा अधिभार एवं उपकर भी लगाया जाता है। यह प्रावधान खरीद की लागत को छोड़कर किसी भी खर्च की कटौती की अनुमति नहीं देता है। इसके अलावा, क्रिप्टो निवेश या कारोबार से होने वाले नुकसान को किसी अन्य आय के विरुद्ध निपटान करने या बाद के वर्षों में आगे ले जाने की अनुमति नहीं है।

आयकर अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन

सूत्रों के अनुसार, आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि बड़ी संख्या में लोगों ने आईटीआर की अनुसूची वीडीए (क्रिप्टो से होने वाली आय) दाखिल न करके और अर्जित आय पर कम दर से कर भुगतान किया या लागत सूचकांक का दावा करके आयकर अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।

ऐसा माना जा रहा है कि करदाताओं के दाखिल आईटीआर को विभाग द्वारा विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज की तरफ से दाखिल ‘स्रोत पर कर कटौती’ (टीडीएस) विवरण के साथ सत्यापित किया जा रहा है और चूककर्ताओं को आगे के ‘सत्यापन या जांच’ के लिए चिन्हित किया जा सकता है। सीबीडीटी का यह कदम आयकर विभाग के ‘पहले करदाताओं पर भरोसा करें’ की संकल्पना पर आधारित है।

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मुझे आयकर विभाग की ओर से क्रिप्टो ट्रांजैक्शन को लेकर ई-मेल आया है, अब मुझे क्या करना चाहिए?

उत्तर: अगर आपको आयकर विभाग की ओर से ई-मेल मिला है, तो आपको जल्द से जल्द अपना अद्यतन (Updated) ITR दाखिल करना चाहिए, जिसमें आपने क्रिप्टोकरेंसी से हुई आय का सही-सही विवरण दें। यदि जानकारी गलत या अधूरी है, तो विभाग आगे जांच या नोटिस जारी कर सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी से हुई आय पर भारत में कितना टैक्स लगता है?

उत्तर: धारा 115BBH के तहत क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30% फ्लैट टैक्स लगता है। इसके अलावा सर्चार्ज और सेस भी लागू होते हैं। किसी भी खर्च (खरीद मूल्य के अलावा) की कटौती की अनुमति नहीं है, और घाटे (Loss) को किसी अन्य आय से समायोजित नहीं किया जा सकता।

क्या मैं क्रिप्टो में हुए नुकसान को अगले सालों में कैरी फॉरवर्ड कर सकता हूँ?

उत्तर: नहीं। धारा 115BBH के अंतर्गत क्रिप्टोकरेंसी निवेश या ट्रेडिंग से होने वाले नुकसान को न आगे के वर्षों में ले जाया जा सकता है, और न ही किसी अन्य आय से समायोजित किया जा सकता है।