मुंबई, 11 जुलाई (भाषा) देश में डेटा सेंटर उद्योग तीव्र विकास के रास्ते पर है और 2030 तक इसकी कुल क्षमता तीन गीगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई।
एवेंडस कैपिटल की रिपोर्ट ‘ए मल्टी-ईयर ग्रोथ प्रॉक्सी ऑन इंडिया डेटा इक्स्प्लोशन एंड लोकलाइजेशन वेव’ के अनुसार, इस क्षेत्र में वार्षिक निवेश में भी वृद्धि देखी जा रही है जो वर्तमान में 1.0 से 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 12,870 करोड़ रुपये) है। आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा दोगुना होने की उम्मीद है।
देश की डेटा सेंटर क्षमता के 2024 में 1.1 गीगावाट होने का अनुमान लगाया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि बढ़ती डेटा खपत, कृत्रिम मेधा (एआई) व क्लाउड को अपनाना और डेटा स्थानीयकरण पर केंद्रित नीतिगत पहल डेटा सेंटर की मांग को गति दे रहे हैं। 2033 तक मांग करीब छह गीगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन आपूर्ति केवल 4.5 गीगावाट रहने की उम्मीद है जिससे 1.5 गीगावाट का अंतर रह जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा सब्सिडी के साथ जमीन उपलब्ध कराने और बिजली शुल्क छूट जैसे कदम देश में डेटा सेंटर क्षमता विस्तार को गति दे रहे हैं।
भाषा निहारिका रमण
रमण