नयी दिल्ली, 10 दिसंबर (भाषा) ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स मंच से कड़ी टक्कर का सामना कर रहे छोटे और मध्यम खुदरा विक्रेताओं के संगठन एफआरएआई ने सरकार से एक समर्पित प्रौद्योगिकी मंच बनाने की अपील की है, जो उन्हें बेहद सक्रिय स्थानीय डिलीवरी मंचों के साथ बराबरी का मुकाबला करने में मदद करेगा।
भारतीय खुदरा विक्रेता संघों के महासंघ (एफआरएआई) ने ‘भारत टैक्सी’ जैसी डिजिटल प्रणाली बनाने की मांग की है, जहां ग्राहकों के ऑर्डर पास की किराना दुकानों पर भेजे जाएं, और ऑर्डर उस पहले स्टोर को जाए जो उसे स्वीकार करता है।
एफआरएआई ने कहा कि ‘ब्लिंकिट’ और ‘ज़ेप्टो’ जैसे ई-कॉमर्स और हाइपरलोकल डिलीवरी मंच के तेजी से बढ़ने से हजारों स्थानीय किराना दुकानदारों की आय में कमी आई है।
एफआरएआई ने एक बाजार अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि पिछले साल कम से कम दो लाख किराना स्टोर बंद हो गए क्योंकि ग्राहक क्विक कॉमर्स मंच पर चले गए।
जेपी मॉर्गन के दिसंबर 2024 के एक अध्ययन के मुताबिक मुंबई जैसे शहरों में क्विक कॉमर्स मंच के स्टोर की बढ़ती संख्या के कारण 60 प्रतिशत ऑफलाइन किराना स्टोर की बिक्री में गिरावट देखी गई।
भाषा राजेश राजेश पाण्डेय
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