Parliament Winter Session
नई दिल्ली: Parliament Winter Session Live लोकसभा में आज भी चुनाव सुधार पर चर्चा जारी है। निचले सदन में आज चुनाव सुधार पर चर्चा का दूसरा दिन है। इस दौरान देश के गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी बात रखी है। मंत्री अमित शाह ने चुनाव सुधार पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि 2 दिन संसद की कार्यवाही नहीं चल सकी। लोगों के बीच इस तरह का संदेश देने की कोशिश की गई कि हम चर्चा नहीं चाहते। हम बीजेपी और एनडीए के लोग डिबेट से कभी नहीं भागे। संसद सबसे बड़ी पंचायत है। चर्चा के लिए हमने ना कहा, इसके पीछे भी कारण थे।
उन्होंने बताया कि विपक्ष की डिमांड थी एसआईआर पर चर्चा की। यह चुनाव आयोग का काम है। इस पर चर्चा होगी तो जवाब कौन देगा। जब ये चुनाव सुधार पर चर्चा के लिए तैयार हुए, हमने दो दिन चर्चा की।
अमित शाह ने कहा कि चर्चा तय हुई चुनाव सुधार पर, लेकिन विपक्ष के सदस्यों ने एसआईआर पर ही बोला। जवाब तो मुझे देना पड़ेगा। मैंने पहले के भी सभी एसआईआर का गहन अध्ययन किया है और कांग्रेस की ओर से फैलाए गए झूठ का अपने तर्कों के हिसाब से जवाब देना चाहता हूं। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है।
राहुल गांधी के संघ को लेकर बयान पर पलटवार करते हुए अमित शाह ने कहा कि इस देश का प्रधानमंत्री संघ की विचराधारा वाला है. आपकी कृपा से नहीं बने हैं, जनादेश से बने हैं. इस देश का गृह मंत्री संघ की विचारधारा वाला है. कोई कानून है क्या कि संघ की विचारधारा वाला व्यक्ति किसी पद पर नहीं जाएगा. उन्होंने क्या किया, यह हम बताते हैं. 1969 में राष्ट्रपति चुनाव में इंदिरा गांधी ने लेफ्ट से समझौता किया और महत्वपूर्ण पदों पर वामपंथी विचारधारा वालों को बैठाया. देश के लिए मरना ही आरएसएस की विचारधारा है. हम नहीं डरते. मैं 10 साल का था और नारे लगाता था कि असम की गलियां सूनी हैं, इंदिरा गांधी खूनी है. वोट चोरी से नहीं, आपने सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, 370 हटाने का विरोध किया, इसलिए हम जीते हैं. आपने राम मंदिर बनाने का विरोध किया, इसलिए जीते हैं. 60 करोड़ गरीबों के घर में नरेंद्र मोदी ने गैस, पानी, घर पहुंचाया, पांच लाख तक की दवाइयां मुफ्त कर दी हैं, इसलिए हम जीते हैं. एसआईआर का विरोध करोगे, तो बिहार की तरह तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी साफ हो जाओगे. जनता ही जनार्दन है. जनता के फैसले को वोट चोरी-वोट चोरी, इस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. जनता सब देख रही है. धन्यवाद करूंगा संसदीय कार्य मंत्री का, वरना इनका झूठ एकतरफा जनता के बीच जा रहा था.
अमित शाह ने कहा, चर्चा के लिए तय समय से ज्यादा समय लिया गया है। विपक्ष इसमें शामिल हुई। चुनाव सुधार की जगह विपक्ष ने ज्यादातार SIR पर की। जैसी चर्चा की। अब मैं उस पर जवाब दे रहा हूं। SIR पर विपक्ष ने 4 महीने से एकतरफा झूठ फैलाया। जनता को गुमराह किया।
शाह ने कहा, मैंने SIR का गहन अभ्यास किया है। कांग्रेस ने जो झूठ फैलाया है। मैं उसका मेरे तर्कों से जवाब देना चाहता हूं। चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है। संविधान के अंदर आयोग का गठन, मतदाता की परिभाषा इसकी लिस्ट सुधार की शक्तियों का स्पष्ट प्रावधान संविधान में किए गए हैं। जब ये हुआ तब हमारी पार्टी नहीं बनी थी। इन लोगों ने ही इस पर चर्चा करके ये प्रावधान बनाए। आज की स्थिति में पर मैं जवाब दे रहा हूं। फ्री एंड फेयर चुनाव कराने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है।
अमित शाह ने कहा, विपक्ष ने पूछा कि आज SIR क्यों हो रहा है। कोई भी समाज इतिहास को छोड़कर आगे कैसे बन सकता है। 1952 से देश के लोकतांत्रिक इतिहास की शुरुआत हुई। 1952 जवाहरलाल नेहरू के दौर में पहला SIR हुआ। 57, 62 में भी हुआ। 84-84 में इंदिरा गांधी के दौर में हुआ। 2003 में जब हुआ तब अटल विहारी वाजपेई थे।
अमित शाह ने कहा, 2004 के बाद अब 2025 में SIR हो रहा है। इस बार हम हैं। अब तक 2004 तक किसी भी दल ने विरोध नहीं किया था। अगर लोकतंत्र में चुनाव जिस आधार पर होते हैं, अब वो वोटर लिस्ट ही गलत है तो चुनाव कैसे सही हो सकते हैं। समय-समय पर इसका SIR जरूरी है। इसलिए EC ने यह तय किया कि SIR हो।
अमित शाह ने कहा- रिटर्निंग अफसर को मतदाता सूची से नाम काटने का अधिकार नहीं है। इसलिए नाम नहीं कटते थे। चाहे कोई मर जाए, किसी की शादी हो जाए और वो कहीं और चला जाए। किसी का ट्रांसफर हो जाए। 2010 में ये व्यवस्था कांग्रेस के दौर में थी। SIR में होता है कि मरे लोगों के नाम कटें। विदेशी नागरिकों को चुन-चुन कर डिलीट किया जाए। डबल वोटर काटे जाएं। देश में घुसपैठिए रहेंगे। ये कोई सीएम तय नहीं करेगा।
अमित शाह ने कहा कि 1995 में एक जजमेंट आया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जहां मतदाता का नाम दर्ज किया जाना है। वहां रिटर्निंग अफसर तय कर सकता है कि आवेदक भारत का नागरिक है या नहीं है। लाल बाबू हुसैन बनाम मतदाता रिजस्ट्रेशन ऑफिसर का मामला। राहुल गांधी ने परमाणु बम फोड़ा था। उन्होंने कहा- हरियाणा में एक ही घर में 501 वोट पड़े। ये घर एक एकड़ में है। सभी मकानों को एक ही नंबर दिया, क्योंकि वो पुस्तैनी मकान। ये न फर्जी घर है। न वोटर है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, विपक्ष का कहना है कि बिहार की मतदाता सूची सही नहीं थी। इसलिए तो SIR करा रहे हैं। वोटर लिस्ट सही हो या गलत कांग्रेस का हारना तय है।
उन्होंने कहा, भाजपा को एंटी इंकम्बेंसी कम झेलनी पड़ती है। हम कई चुनाव हारे हैं। बंगाल, तमिलनाडु में हम चुनाव हारे। तब ये जीतते हैं तो बढ़िया कपड़े पहनकर शपथ ले लेते है। हारते हैं तो कहते हैं EC निकम्मी है। मतदाता सूची खराब है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- मेरा दायित्व है कि सही जानकारी देना। जितने आरोप लगे उनके जवाब देना। मैं राहुल गांधी के सभी सवालों का जवाबों दे रहा हूं। आगे कहा कि जब कोई व्यक्ति एक जगह से दूसरी जगह गया है तो नाम हटाने का अधिकार अधिकारी से वापस ले लिया गया। इसलिए ये परेशानी खड़ी हुई है। ये सामान्य गलतियां हैं। वोट काटने का जिसका अधिकार है उसे रोका गया। SIR से यही सुधरना है। विपक्ष इसे वोट चोरी कर रहा है। मैं बताता हूं वोट चोरी क्या है।
अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के नेता की तीनों प्रेस कॉन्फ्रेंस का जवाब दूंगा। एक सादी वाली, एक एटम बम वाली और एक हाइड्रोजन बम वाली। हर सवाल का जवाब दूंगा। राहुल गांधी ने उन्हें बीच में टोका। इस पर अमित शाह ने कहा कि 30 साल से संसद या विधानसभा में चुनकर आ रहा हूं। ऐसा कभी नहीं हुआ। मेरे बोलने का क्रम मैं तय करूंगा, आप नहीं। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि ये डरा हुआ, घबराया हुआ रेस्पॉन्स है। सच्चा रेस्पॉन्स नहीं है। अमित शाह ने कहा कि मैं उनके माथे पर चिंता की लकीरें साफ देख रहा हूं कि क्या बोलूंगा। उनके उकसावे में नहीं आऊंगा, अपने क्रम से बोलूंगा। इससे पहले, राहुल गांधी ने गृह मंत्री के बयान के बीच में उन्हें रोकते हुए कहा कि चुनाव आयोग को फुल इम्युनिटी देने के आइडिया पर सबसे पहले बताएं। हरियाणा में एक उदाहरण दिया इन्होंने, वहां अनेक उदाहरण हैं। राहुल गांधी ने अमित शाह को फ्री प्रेस कॉन्फ्रेंस में डिबेट की चुनौती दी।
राहुल गांधी के संघ को लेकर बयान पर पलटवार करते हुए अमित शाह ने कहा कि इस देश का प्रधानमंत्री संघ की विचराधारा वाला है। आपकी कृपा से नहीं बने हैं, जनादेश से बने हैं। इस देश का गृह मंत्री संघ की विचारधारा वाला है। कोई कानून है क्या कि संघ की विचारधारा वाला व्यक्ति किसी पद पर नहीं जाएगा। उन्होंने क्या किया, यह हम बताते हैं। 1969 में राष्ट्रपति चुनाव में इंदिरा गांधी ने लेफ्ट से समझौता किया और महत्वपूर्ण पदों पर वामपंथी विचारधारा वालों को बैठाया। देश के लिए मरना ही आरएसएस की विचारधारा है। हम नहीं डरते। मैं 10 साल का था और नारे लगाता था कि असम की गलियां सूनी हैं, इंदिरा गांधी खूनी है। वोट चोरी से नहीं, आपने सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, 370 हटाने का विरोध किया, इसलिए हम जीते हैं। आपने राम मंदिर बनाने का विरोध किया, इसलिए जीते हैं। 60 करोड़ गरीबों के घर में नरेंद्र मोदी ने गैस, पानी, घर पहुंचाया, पांच लाख तक की दवाइयां मुफ्त कर दी हैं, इसलिए हम जीते हैं। एसआईआर का विरोध करोगे, तो बिहार की तरह तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी साफ हो जाओगे। जनता ही जनार्दन है। जनता के फैसले को वोट चोरी-वोट चोरी, इस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। जनता सब देख रही है। धन्यवाद करूंगा संसदीय कार्य मंत्री का, वरना इनका झूठ एकतरफा जनता के बीच जा रहा था।