Amit Shah In Lok Sabha/Image Source: IBC24
नई दिल्ली: Amit Shah In Lok Sabha: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि विपक्ष के नेताओं ने तीन सवाल पूछे और चार सुझाव दिए। उन्होंने राहुल गांधी के सवालों को दोहराया और कहा कि उन्हें पास्ट के साथ-साथ वर्तमान का भी जवाब देना होगा।
अमित शाह ने बताया कि 73 साल तक चुनाव आयुक्त की नियुक्ति का कोई विशेष कानून नहीं था। उस समय प्रधानमंत्री सीधे नियुक्ति करते थे। 1950 से 1989 तक चुनाव आयोग एक सदस्यीय था, और प्रधानमंत्री फाइल राष्ट्रपति को भेजते, जिसके बाद नोटिफिकेशन जारी हो जाता था। तब तक किसी को इस प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाया गया। 1989 से 1991 के बीच, जब चुनाव आयुक्त प्रधानमंत्री की बात नहीं सुनते थे, तब आयोग को बहु-सदस्यीय बनाया गया। यह भी प्रधानमंत्री की फाइल के माध्यम से हुआ। अमित शाह ने कहा कि अब तक 29 चुनाव आयुक्त इसी तरह नियुक्त हुए हैं और कांग्रेस ने यह परंपरा ही शुरू की।
#WATCH लोकसभा में चुनाव सुधारों पर बोलते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट ठीक नहीं है और इसे ठीक करने की ज़रूरत है… जब हम प्रोसेस कर रहे हैं, तब भी वह विरोध कर रहे हैं… आपकी हार पक्की है; वोटर… pic.twitter.com/bOFdkbBQtO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 10, 2025
Amit Shah In Lok Sabha: उन्होंने कहा कि अगर किसी को आरोप लगाना है तो वह चुनाव चोरी पर होना चाहिए। जनता सवाल पूछती है और हम उसका जवाब देते हैं। कोर्ट ने कानून बनाने के लिए सुझाव दिया था, आदेश नहीं। तब सहमति से सीजेआई की अध्यक्षता में समिति बनाई गई। 2023 में नया कानून लागू हुआ, जिससे प्रक्रिया और पारदर्शी हुई। अमित शाह ने विपक्ष पर भी निशाना साधा, कहा कि उनके भाषण तैयार करने में रिसर्च नहीं होती। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आडवाणी जी ने लिखित सुझाव दिए थे, वीएस संपत चुनाव आयुक्त बने, नवीन चावला के खिलाफ पक्षपात के सबूत खारिज किए गए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कौन 66 और कौन 33 प्रतिशत में होगा, यह देश की जनता तय करती है।