आईपीओ लाने के पहले मौजूदा शेयरधारकों के लिए डीमैट खाता अनिवार्य होः सेबी

आईपीओ लाने के पहले मौजूदा शेयरधारकों के लिए डीमैट खाता अनिवार्य होः सेबी

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  • Publish Date - April 30, 2025 / 07:36 PM IST,
    Updated On - April 30, 2025 / 07:36 PM IST

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) दस्तावेज दाखिल करने से पहले कंपनी के निदेशकों, प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों और मौजूदा कर्मचारियों सहित चुनिंदा शेयरधारकों के लिए डीमैट रूप में शेयर रखने को अनिवार्य करने का बुधवार को प्रस्ताव रखा।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के इस प्रस्ताव को अगर लागू किया जाता है, तो भौतिक शेयर प्रमाणपत्रों से जुड़ी अक्षमताओं और जोखिमों को खत्म करने में मदद मिलेगी। भौतिक शेयरों के साथ चोरी, जालसाजी और हस्तांतरण और निपटान में देरी जैसे जोखिम जुड़े होते हैं।

बाजार नियामक ने इस प्रस्ताव पर 20 मई तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं।

सेबी ने अपने परामर्श पत्र में कहा, ‘विभिन्न नियामकीय निर्देशों और सुविधा तंत्रों के बावजूद आईपीओ-पूर्व शेयरधारकों, जैसे निदेशकों, प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों वरिष्ठ प्रबंधन, विक्रेता शेयरधारकों और यहां तक ​​कि पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के बीच भी भौतिक शेयरों की महत्वपूर्ण मात्रा बनी रहती है। इससे एक नियामकीय अंतराल पैदा होता है जो सूचीबद्धता के बाद भी भौतिक शेयरों की अच्छी मात्रा बनाए रखने की अनुमति देता है।’

सेबी ने प्रस्ताव किया कि इन चिंताओं को दूर करने के लिए मौजूदा विनियामक प्रावधान का विस्तार किया जाना चाहिए। सेबी ने सुझाव दिया कि आईपीओ लाने वाले जारीकर्ता को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रवर्तक समूह, विक्रेता शेयरधारकों, निदेशकों, प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों, वरिष्ठ प्रबंधन, क्यूआईबी, घरेलू वर्तमान कर्मचारियों और शेयरधारकों के पास रखी गई सभी निर्दिष्ट प्रतिभूतियां आईपीओ के लिए मसौदा दस्तावेज दाखिल करने से पहले डीमैट रूप में हों।

इसके अलावा पंजीकृत शेयर ब्रोकर, गैर-प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी), और निर्दिष्ट प्रतिभूतियां रखने वाली कोई भी अन्य विनियमित संस्थाओं को मसौदा दस्तावेज दाखिल करने से पहले ऐसे शेयर डीमैट रूप में रखने का सुझाव दिया गया है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

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