डिजिटल मंचों, मजबूत आईसीटी ढांचे से महामारी की कठिनाइयों को कम करने में मदद मिली: राष्ट्रपति

डिजिटल मंचों, मजबूत आईसीटी ढांचे से महामारी की कठिनाइयों को कम करने में मदद मिली: राष्ट्रपति

  •  
  • Publish Date - December 30, 2020 / 09:08 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:37 PM IST

नई दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कहा कि डिजिटल मंचों के आरोग्य सेतु और ई-कार्यालय जैसे संरक्षणात्मक उपायों ने देश में महामारी की कठिनाइयों को कम करने में मदद की।

उन्होंने डिजिटल इंडिया पुरस्कारों के आभासी समारोह में कहा कि कोविड-19 ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है, जबकि इस बीच भारत ने खुद को और अधिक आत्मनिर्भर बनाने का वादा किया है, और आने वाले दिनों में प्रौद्योगिकी इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘यह साल अब समाप्त होने वाला है, और हमें उम्मीद है कि महामारी भी जल्द ही समाप्त हो जाएगी।’’

उन्होंने कहा कि महामारी ने सामाजिक संबंधों, आर्थिक गतिविधियों, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और कई अन्य पहलुओं के लिहाज से दुनिया को बदल दिया है, हालांकि सक्रिय डिजिटल हस्तक्षेपों ने परिचालन निरंतरता सुनिश्चित की।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘भारत न केवल आवाजाही संबंधी प्रतिबंधों के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए तैयार था, बल्कि उसने इस संकट का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ने के अवसर के रूप में भी किया। यह केवल इसलिए संभव था क्योंकि हाल के वर्षों में डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया।’’

उन्होंने कहा कि आरोग्य सेतु, ई-ऑफिस और वीडियो कॉन्फ्रेंस सेवाओं जैसे आईसीटी बुनियादी ढांचे से देश में महामारी की कठिनाइयों को कम करने में मदद मिली।

उन्होंने कहा कि तकनीकी विकास को अक्सर ‘व्यवधान’ कहा जाता है, लेकिन इस साल उसने बड़ी बाधा (महामारी के कारण) को दूर करने में मदद की।

न्यायपालिका और शिक्षा से लेकर टेली-मेडिसिन तक, सभी क्षेत्र वर्चुअल रूप में बदल गए।

कोविंद ने कहा, ‘‘सरकार के लिए भी सूचना प्रौद्योगिकी, नागरिकों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रमुख साधनों में एक थी।’’

उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी ने महामारी से निपटने में भी हमारी मदद की।

राष्ट्रपति जोर देकर कहा कि नागरिकों की सुरक्षा और लाभ के लिए सरकारी कार्यालयों में कागज रहित और संपर्क रहित कामकाज को आगे भी जारी रखना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इससे प्रशासनिक कामकाज को औप अधिक पर्यावरण के अनुकूल बनाने में भी मदद मिलेगी।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय