रांची, 20 दिसंबर (भाषा) झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) की प्रतिभा वारवाडे और उनके शोध दल द्वारा विकसित मृदा नमी मापन यंत्र को पेटेंट मिला है। संस्थान ने शनिवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
बयान में कहा गया कि यह इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) से सुसज्जित यंत्र एक स्मार्ट सिंचाई प्रणाली का हिस्सा है, जो विशेष रूप से टपक सिंचाई के तहत विभिन्न सब्जियों और फलों का उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है।
बयान में कहा गया कि यह प्रणाली वास्तविक समय में मिट्टी की नमी और पर्यावरणीय आंकड़ों के आधार पर सिंचाई को स्वचालित करके मानव श्रम पर निर्भरता को कम करती है।
सीयूजे की सिविल अभियंत्रण विभाग की सहायक प्रोफेसर प्रतिभा वारवड़े ने कहा, ”इस पेटेंट को कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। यह यंत्र किसानों को वास्तविक समय में मिट्टी की नमी का स्तर दिखाने में सक्षम है, जिससे सिंचाई प्रबंधन अधिक कुशल, सटीक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रभावी बन जाता है।”
भाषा योगेश पाण्डेय
पाण्डेय