नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चेन्नई के सुराना समूह के खिलाफ धन शोधन से जुड़े 3,986 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में कंपनी के दो प्रवर्तक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
ईडी ने बताया कि सुराना इंडस्ट्रीज लिमिटेड, सुराना पावर लिमिटेड और सुराना कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं प्रवर्तक दिनेश चंद सुराना और विजय राज सुराना समेत मुखौटा कंपनियों के फर्जी निदेशकों पी आनंद तथा प्रभाकरण को 12 जुलाई को हिरासत में ले लिया गया।
जांच एजेंसी ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि चेन्नई में विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने चारों को 27 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार व्यक्तियों के खिलाफ वर्ष 2020 में दर्ज प्राथमिकियों के बाद ईडी ने धन शोधन को लेकर जांच शुरू की थी।
इन तीन कंपनियों, प्रवर्तकों, निदेशकों और अज्ञात व्यक्तियों पर फर्जी कंपनियों के जरिये बही-खातों में हेरफेर और मुखौटा कंपनियों के माध्यम से धन की निकासी का आरोप है।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि आरोपियों ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए कंपनी के खातों से धन की हेराफेरी की और इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 3,986 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
वहीं, ईडी का कहना है कि आरोपियों ने फर्जी या नकली कंपनियों का एक ‘जाल’ बनाया और इन मुखौटा कंपनियों के निदेशक या तो सुराना परिवार के गांव के रिश्तेदार या व्यक्ति थे या फिर सुराना समूह की कंपनियों के कर्मचारी थे।
सुराना समूह मुख्य रूप से सोने के आभूषणों की बिक्री और विनिर्माण करता है।
भाषा जतिन रमण
रमण
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मालदीव के साथ एफटीए चाहता है भारत : मंत्री
13 hours agoसरसों तेल-तिलहन, सीपीओ और पामोलीन में गिरावट
14 hours ago