ईडी ने पीएमएलए मामले में 1,646 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की

ईडी ने पीएमएलए मामले में 1,646 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की

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  • Publish Date - February 15, 2025 / 08:42 PM IST,
    Updated On - February 15, 2025 / 08:42 PM IST

नयी दिल्ली, 15 फरवरी (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक धोखाधड़ी निवेश योजना में धनशोधन मामले की जांच के तहत 1,646 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इसमें प्रतिभूति निवेश के नाम पर कई जमाकर्ताओं को धोखा दिया गया था।

ईडी के अहमदाबाद कार्यालय ने ‘बिटकनेक्ट ऋण कार्यक्रम’ के माध्यम से निवेश के रूप में प्रतिभूतियों की ‘धोखाधड़ी’ और गैरपंजीकृत पेशकश और बिक्री से संबंधित मामले में शनिवार को नए दौर की तलाशी पूरी करने के बाद 13.50 लाख रुपये नकद, एक गाड़ी और कई डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं।

धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज ईडी का मामला सूरत पुलिस अपराध शाखा की प्राथमिकी से शुरू हुआ है, जिसमें कहा गया कि कथित धोखाधड़ी नवंबर, 2016 से जनवरी, 2018 (नोटबंदी के बाद) के बीच हुई थी।

एजेंसी ने अपने प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों की एक टीम तैनात की, जिन्होंने कई क्रिप्टो वॉलेट्स में किए गए लेनदेन के ‘जटिल जाल’ की जांच की, ताकि इन क्रिप्टो वॉलेट्स के मूल और नियंत्रकों का पता लगाया जा सके।

सूत्रों ने बताया कि यह पाया गया कि कई लेनदेन ‘डार्क वेब’ के माध्यम से किए गए थे, जिससे उनका पता नहीं लगाया जा सका।

उन्होंने बताया कि एजेंसी ने ‘कई’ वेब वॉलेट्स पर नजर रखी तथा जमीनी स्तर पर खुफिया जानकारी एकत्रित की, ताकि उन वॉलेट्स तथा परिसरों पर नजर रखी जा सके, जहां उक्त क्रिप्टोकरेंसी वाले डिजिटल उपकरण उपलब्ध थे।

सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि 1,646 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की गई और एजेंसी के एक विशेष क्रिप्टो वॉलेट में स्थानांतरित कर दी गई, जिससे यह धनशोधन के बड़े मामले की जांच में वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों की अब तक की सबसे बड़ी जब्ती हो गई, जो अभी भी जारी है।

एजेंसी ने इस मामले में पहले भी 489 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।

सूत्रों ने बताया कि विदेशी नागरिकों ने भी बिटकनेक्ट में ‘निवेश’ किया है और ‘मुख्य आरोपी’ अमेरिका में संघीय अधिकारियों की जांच के दायरे में है।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय