Edible Oil Price: नई दिल्ली। सहकारी संस्था हाफेड के जून को सरसों की बिक्री की निविदा मंगाने तथा मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट के रुख के कारण देश में सरसों सहित अधिकांश तेल तिलहनों में गिरावट आई। स्टॉक की कमी से बिनौला तेल और मंहगे दाम पर कम कारोबार के बीच मूंगफली तेल तिलहन पूर्वस्तर पर बंद हुए। मलेशिया एक्सचेंज में करीब 1.5 प्रतिशत की गिरावट है। शाम का बाजार यहां बंद है। शिकागो एक्सचेंज में रात गिरावट थी और अभी भी यहां गिरावट है।
सहकारी संस्था हाफेड ने 24-25 जून को सरसों बिक्री के लिए निविदा मंगाई है। यह निविदा खरीफ बिजाई के समय में मंगाई गई है। पहले सरकार दीपावली के आसपास या दाम बढ़ने पर ऐसी बिक्री करती थी। सरसों की पहले ही जब न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे दाम लगाया जा रहा हो तो उस वक्त सरसों बिक्री के लिए निविदा मंगाने के कारण तिलहन किसानों का और तेल पेराई मिलों का हौसला टूटने की आशंका है। इस संबंध में सरकार को एक स्थिर नीति बनानी होगी।
देश में गुजरात राज्य में सबसे अधिक कपास की फसल होती है। गुजरात में इस वर्ष 18 जून तक कपास की बुवाई का रकबा पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले घटा है। इसी प्रकार मूंगफली का रकबा भी कम हुआ है। यह खल की देश में बढ़ती मांग और दूध की कीमतों पर असर डाल सकता है। सूत्रों ने कहा कि सूरजमुखी तेल, देशी तिलहनों में मूंगफली और बिनौले को सीधा प्रभावित करता है। सस्ता आयात किया हुआ सूरजमुखी रिफाइंड तेल की लागत 102 रुपये किलो बैठती है और देश के बंदरगाहों पर 97 रुपये किलो में भी इसके लिवाल मुश्किल से मिलते हैं। जब सस्ता आयातित तेल बाजार में नहीं खप रहा तो देशी सूरजमुखी (लागत 150-160 रुपये किलो) कैसे बाजार में खपेगा?
Edible Oil Price: सूत्रों ने कहा कि अभी हाल ही में सरकार ने सूरजमुखी का उत्पादन बढ़ाने के मकसद से उसके एमएसपी में वृद्धि की है। सूरजमुखी तिलहन का एमएसपी पहले के 6,760 रुपये से 520 रुपये बढ़कर आगे के लिए 7,280 रुपये क्विन्टल किया गया है। लेकिन पहले ऐसी वृद्धि का कोई अपेक्षित परिणाम नहीं निकला है। बाजार की वस्तु स्थिति यह है कि आयात किया हुआ सूरजमुखी तेल भी सस्ते सोयाबीन और पामोलीन तेल के आगे टिक नहीं रहा और लगभग पांच रुपये किलो के घाटे में बेचा जा रहा है। ऐसे में देशी सूरजमुखी का एमएसपी बढ़ाने के बाद उसकी पहले से ऊंची लागत में 15-16 रुपये किलो की और बढ़ोतरी होगी तब इतने और ऊंचे दम पर वह बाजार में कैसे खपेगा? उन्होंने कहा कि देशी तेल तिलहनों का बाजार ही नहीं हो तो ऐसे में एमएसपी बढ़ाने से क्या फायदा मिलेगा?
Edible Oil Price: तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे
सरसों तिलहन – 5,950-6,010 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 6,100-6,375 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,600 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,210-2,510 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 11,450 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,860-1,960 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,860-1,985 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,350 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,200 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,800 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,700 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,275 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,800 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 8,875 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 4,675-4,695 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,485-4,605 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,075 रुपये प्रति क्विंटल।