अप्रैल-अक्टूबर में बासमती, गैर-बासमती चावल का निर्यात 7.37 प्रतिशत बढ़कर 127 लाख टन पर

अप्रैल-अक्टूबर में बासमती, गैर-बासमती चावल का निर्यात 7.37 प्रतिशत बढ़कर 127 लाख टन पर

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  • Publish Date - December 28, 2022 / 05:35 PM IST,
    Updated On - December 28, 2022 / 05:35 PM IST

नयी दिल्ली, 28 दिसंबर (भाषा) निर्यात की खेप पर रोक के बावजूद भारत के सुगंधित बासमती और गैर-बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह (अप्रैल-अक्टूबर) में 7.37 प्रतिशत बढ़कर 126.97 लाख टन हो गया। उद्योग जगत के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह निर्यात 118.25 लाख टन रहा था।

ऑल इंडिया एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विजय सेतिया ने कहा, ‘‘चावल की कुछ किस्मों के निर्यात पर अंकुश के बावजूद कुल निर्यात का स्तर अबतक मजबूत बना हुआ है।’’

कुल निर्यात में बासमती चावल का निर्यात 2022-23 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान बढ़कर 24.97 लाख टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 21.59 लाख टन था।

सेतिया ने कहा कि समीक्षाधीन अवधि के दौरान गैर-बासमती चावल का निर्यात पहले के 96.66 लाख टन से बढ़कर इस बार102 लाख टन हो गया।

बासमती चावल को मुख्य रूप से अमेरिका, यूरोप और सऊदी अरब के पारंपरिक बाजारों में भेजा गया, जबकि गैर-बासमती चावल का निर्यात बड़े पैमाने पर अफ्रीकी देशों को किया जाता है।

सितंबर में चावल की घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने और कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए सरकार ने टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और गैर-बासमती चावल पर 20 प्रतिशत सीमा शुल्क भी लगाया था।

सेतिया ने कहा कि सीमा शुल्क लगाए जाने से गैर-बासमती चावल का निर्यात प्रभावित नहीं हुआ है। निर्यात का स्तर मजबूत रहा।

सरकार ने चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया ताकि उत्पादन में संभावित गिरावट के कारण कीमतों में बढ़ोतरी पर अंकुश लगाया जा सके।

कृषि मंत्रालय के पहले अनुमान के अनुसार, फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) के खरीफ सत्र में धान का उत्पादन घटकर 10 करोड़ 49.9 लाख टन रह गया जो पिछले खरीफ सत्र में 11 करोड़ 17.6 लाख टन का हुआ था।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय