These five varieties of paddy
These five varieties of paddy: देश में भीषण गर्मी का कहर जारी है। वहीं ऐसे में पानी की किल्लतें ज्यादातर देखने को मिल रही है। इसी वजह से लोग असमंजस में है कि ऐसी कौन सी खेती करें जिनमें पानी का कम उपयोग हो सके और ज्यादा से ज्यादा मुनाफा हो। जैसा कि सभी जानते होंगे कि गेहूं के बाद अब किसान अपने खेतों में धान की फसल उगाएंगे। मानसून शुरू होते ही धान की फसल तैयार की जाती है। क्योंकि इसके लिए ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है। लेकिन अब किसान सूखे इलाके या कम पानी वाली जगह पर भी धान की खेती कर सकते है।
इसी को लेकर कृषि वैज्ञानिकों ने धान की कई ऐसी किस्में तैयार की हैं। जो कम पानी वाली जगह पर भी अच्छी उपज देती हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा धान की पूसा सुगंध-5 किस्म को विकसित किया गया है। सुगंधित और उच्च गुणवत्ता देने वाली यह हाइब्रिड किस्म है। जो 120 से 125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। पूसा सुगंध- 5 के दाने पतले, सुगंधित और लंबे होते हैं। कम पानी में तैयार होने वाली यह किस्म बिरयानी और पुलाव सहित कई प्रकार के व्यंजनों को पकाने के लिए बेहद पसंद की जाती है।
स्वर्ण शुष्क धान कम पानी वाले क्षेत्रों में अधिक उपज देने वाली किस्म है। धान की इस किस्म में रोग और कीट ज्यादा प्रभावी नहीं हो पाते, इस धान में रोगों से लड़ने की क्षमता ज्यादा होती है। यह किस्म कम पानी वाले क्षेत्रों में भी 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से पैदावार देती है। ये किस्म 110 से 115 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
बासमती धान की पूसा 834 को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित किया गया है। यह 125 से 130 दिनों में पककर तैयार होती है। बासमती की इस किस्म को कम उपजाऊ मिट्टी या फिर कम पानी वाले क्षेत्रों में भी उगा कर तैयार किया जा सकता है। पूसा 834 बासमती धान किसानों को 60 से 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उत्पादन देती है।
स्वर्ण पूर्वी धान-1 किस्म भी कम पानी वाले क्षेत्रों में आसानी से उगाई जा सकती है। यह 115 से 120 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। कम पानी में तैयार होने वाली धान की यह किस्म 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उत्पादन देती है।
These five varieties of paddy: इसके अलावा एक और किस्म स्वर्ण शक्ति धान को हैदराबाद चावल अनुसंधान निदेशालय द्वारा विकसित किया गया है। इसके दाने पतले होते हैं। इसका चावल सुगंधित और खाने में थोड़ा मीठा होता है। स्वर्ण शक्ति धान में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, जिंक और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। क मध्यम अवधि में पकने वाली किस्म है जो कि 115 से 120 दिन में पककर तैयार हो जाती है।