एफएचआरएआई की आतिथ्य क्षेत्र के ऋण के पुनर्गठन की मांग

एफएचआरएआई की आतिथ्य क्षेत्र के ऋण के पुनर्गठन की मांग

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  • Publish Date - December 7, 2020 / 03:41 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:51 PM IST

नयी दिल्ली, सात दिसंबर (भाषा) उद्योग संगठन एफएचआरएआई ने महामारी के चलते डूबने की कगार पर खड़े होटल एवं रेस्त्रां सहित समूचे आतिथ्य उद्योग को बचाने के लिए सरकार से ऋण पुर्नगठन की सोमवार को मांग की। कोविड-19 संकट के चलते यात्रा पर लगी पाबंदियों की वजह से आतिथ्य क्षेत्र पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है।

फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशंस ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) ने बयान में कहा कि आतिथ्य क्षेत्र को बचाने के लिए यह समय की मांग है। यह क्षेत्र लगभग डूबने के कगार पर खड़ा है।

बयान के मुताबिक यदि आतिथ्य क्षेत्र के अस्तित्व को बचाने के अनुकूल किसी नीति का निर्माण नहीं किया गया तो देश में कम से कम 40 से 50 प्रतिशत रेस्तरां और 30 से 40 प्रतिशत होटल बंद हो जाएंगे। इससे लाखों लोगों का रोजगार छिन जाएगा।

एफएचआरएआई के उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह कोहली ने कहा कि बाजार को डर है कि आतिथ्य क्षेत्र की अधिकतर कंपनियां अपनी वित्तीय देनदारियों को पूरा नहीं कर सकेंगी और धीरे-धीरे सबसे अधिक दबाव वाली श्रेणी में चली जाएंगी।

उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में क्षेत्र को सरकार से समर्थन की जरूरत है। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार क्षेत्र विशेष के लिए जल्द कोई अनुकूल नीति लाएगी जो आतिथ्य कंपनियों को ऋण पुनर्गठन सुविधा का लाभ उठाने में मदद करेगी।

एफएचआरएआई के मानद संयुक्त सचिव प्रदीप शेट्टी ने कहा कि आतिथ्य क्षेत्र पर करीब 55,000 करोड़ रुपये का ऋण बकाया है। जबकि दूसरे लॉकडाउन और उसके प्रभावों का आकलन किए बिना ही आतिथ्य और पर्यटन क्षेत्र के सामने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का जोखिम है।

भाषा

शरद महाबीर

महाबीर