एमपीसी बैठक में पांच सदस्यों ने किया था तटस्थ मौद्रिक रूख का समर्थनः आरबीआई ब्योरा
एमपीसी बैठक में पांच सदस्यों ने किया था तटस्थ मौद्रिक रूख का समर्थनः आरबीआई ब्योरा
मुंबई, 19 दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में 0.25 प्रतिशत की कटौती का समर्थन करते हुए कहा था कि मौद्रिक नीति का तटस्थ रुख केंद्रीय बैंक को बदलते वृहद-आर्थिक हालात के अनुरूप निर्णय लेने का लचीलापन देगा।
मल्होत्रा ने यह टिप्पणी एमपीसी की तीन-पांच दिसंबर को हुई बैठक के दौरान की थी। आरबीआई ने 0.25 प्रतिशत दर कटौती का फैसला करने वाली इस बैठक का ब्योरा शुक्रवार को जारी किया।
इस ब्योरे के मुताबिक, मल्होत्रा ने कहा, “मैं 0.25 प्रतिशत दर कटौती के पक्ष में मतदान करता हूं। यह मांग को बढ़ावा देगा और वृद्धि का समर्थन करेगा। तटस्थ रुख बनाए रखने से डेटा-संचालित नीति के लिए जरूरी लचीलापन मिलेगा।”
उन्होंने अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही में मुख्य मुद्रास्फीति के लगभग चार प्रतिशत रहने का अनुमान भी जताया। उन्होंने कहा कि बहुमूल्य धातुओं को छोड़कर मुद्रास्फीति के और भी कम रहने की संभावना है।
एमपीसी बैठक में डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति में अपेक्षा से तेज गिरावट मौद्रिक नीति के लिहाज से महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान दर कटौती और इस साल कुल 1.25 प्रतिशत की कटौती से आर्थिक गतिविधियों में अस्थिर रूप से तेज वृद्धि (ओवरहीटिंग) के कोई संकेत नहीं हैं।
आरबीआई के कार्यकारी निदेशक इंद्रनील भट्टाचार्य ने बैठक में खुदरा मुद्रास्फीति 0.3 प्रतिशत पर आ जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि सितंबर-अक्टूबर में मुद्रास्फीति में लगभग 1.80 प्रतिशत की कमी मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दामों में गिरावट का नतीजा है।
एमपीसी के तीन स्वतंत्र सदस्य- राम सिंह (दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स), अर्थशास्त्री सौगत भट्टाचार्य (मुंबई) और नागेश कुमार (इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट स्टडीज़ इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली) भी इस बैठक में शामिल रहे थे।
राम सिंह ने कहा कि अक्टूबर, 2025 के बाद डेटा ने वृद्धि की रफ्तार को समर्थन देने के लिए अतिरिक्त नीतिगत गुंजाइश दी है। उन्होंने रेपो दर में कटौती के साथ नीतिगत रुख को ‘उदार’ किए जाने का सुझाव भी दिया।
सौगत भट्टाचार्य ने कहा कि कुल दर कटौती और नकदी प्रवाह बढ़ने से मौद्रिक नीति की दिशा संतुलित हुई है। उन्होंने रेपो दर को घटाकर 5.25 प्रतिशत पर लाए जाने के पक्ष में मतदान करते हुए कहा कि भविष्य की कार्रवाई डेटा पर निर्भर होगी।
बैठक में नागेश कुमार ने कहा कि भू-राजनीतिक और व्यापार से जुड़ी अनिश्चितताओं से कारोबारी धारणा पर असर पड़ने के लक्षण दिखने लगे हैं। खासकर अमेरिका के लगाए उच्च शुल्क का प्रभाव वस्त्र, चमड़े के सामान, आभूषण और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों जैसे श्रम-बहुल उद्योगों पर पर विशेष रूप से पड़ा है।
इस बैठक में एमपीसी ने यह तय किया कि भविष्य में कोई भी नीतिगत कदम पूर्ण आंकड़ों के ही आधार पर उठाया जाएगा ताकि आर्थिक स्थिरता और वृद्धि दोनों का संतुलन बना रहे।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण

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