एफपीआई ने सितंबर में अबतक शेयरों से 7,945 करोड़ रुपये निकाले

एफपीआई ने सितंबर में अबतक शेयरों से 7,945 करोड़ रुपये निकाले

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  • Publish Date - September 21, 2025 / 12:36 PM IST,
    Updated On - September 21, 2025 / 12:36 PM IST

नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) वैश्विक अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक तनाव के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सितंबर में अबतक भारतीय शेयर बाजार से 7,945 करोड़ रुपये निकाले हैं।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में 34,990 करोड़ रुपये और जुलाई में 17,700 करोड़ रुपये की भारी निकासी के बाद, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा 2025 में शेयरों से अबतक कुल 1.38 लाख करोड़ रुपये की निकासी की गई है।

आगे की संभावनाओं पर, बाजार विशेषज्ञों का मानना ​​है कि भारत और अमेरिका से आने वाले वृहद आर्थिक आंकड़े और शुल्क वार्ता में प्रगति, अगले सप्ताह एफपीआई प्रवाह को प्रभावित करेगी।

हालांकि, एफपीआई सितंबर में भी बिकवाल बने हुए हैं। 19 सितंबर तक उन्होंने शेयरों से कुल 7,945 करोड़ रुपये की निकासी की है। हालांकि, उनकी कुल बिकवाली कम हुई है। वास्तव में, पिछले सप्ताह में, वे कुछ समय के लिए शुद्ध खरीदार बन गए, जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत अंक की कटौती की, तो उन्होंने 900 करोड़ रुपये की खरीदारी की।

एंजल वन लिमिटेड के वरिष्ठ बुनियादी विश्लेषक वकारजावेद खान ने कहा, ‘‘इस सप्ताह एफपीआई ने फेडरल रिजर्व की ब्याज दर कटौती के बाद 900 करोड़ रुपये की लिवाली की। 2025 में दो और कटौती की उम्मीद है, जिससे वैश्विक बाजार में तरलता में काफी सुधार हो सकता है। हालांकि, एफपीआई सितंबर में शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं।’’

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के प्रमुख, प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि विदेशी निवेशकों ने इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में थोड़ी वापसी की।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक के नरम रुख, अमेरिका-भारत व्यापार विवाद में कमी और भारत के स्थिर वृहद आर्थिक दृष्टिकोण से माहौल में सुधार हुआ। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि वैश्विक अनिश्चितताएं और भू-राजनीतिक जोखिम प्रवाह को प्रभावित कर रहे हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि भारत में एफपीआई की बिक्री के साथ-साथ हांगकांग, ताइवान और दक्षिण कोरिया जैसे अन्य एशियाई बाजारों में खरीदारी भी हुई है। यह एक ऐसी रणनीति है जो इस साल अबतक फायदेमंद रही है। उन्होंने आगे कहा, ‘‘भविष्य में यह स्थिति बदल सकती है।’’

दूसरी ओर, समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार में निवेश किया है। एफपीआई ने बॉन्ड में सामान्य सीमा के तहत लगभग 900 करोड़ रुपये और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग से 1,100 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

भाषा अजय अजय

अजय