नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) देश के शीर्ष 12 बंदरगाहों पर माल ढुलाई (कार्गो ट्रैफिक) में फरवरी में लगातार 11वें महीने गिरावट दर्ज हुई है।
भारतीय बंदरगाह संघ (आईपीए) ने यह जानकारी दी।
आईपीए के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले 11 माह अप्रैल-फरवरी के दौरान केंद्र के नियंत्रण वाले 12 प्रमुख बंदरगाहों पर माल ढुलाई 6.61 प्रतिशत घटकर 60.06 करोड़ टन रह गई। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इन बंदरगाहों की माल ढुलाई 64.31 करोड़ टन रही थी।
आईपीए की रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले 11 माह में पारादीप और मोर्मुगाव को छोड़कर अन्य की ढुलाई में गिरावट आई। इस दौरान पारादीप बंदरगाह की ढुलाई 0.27 प्रतिशत बढ़कर 10.29 करोड़ टन और मोर्मुगाव की ढुलाई 30.93 प्रतिशत बढ़कर 1.92 करोड़ टन पर पहुंच गई।
अप्रैल-फरवरी के दौरान कामराजार बंदरगाह की ढुलाई 23.29 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2.22 करोड़ टन रह गई। वहीं इस अवधि में मुंबई और वी ओ चिदंबरनार बंदरगाहों की ढुलाई में 12 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। कोचिन और चेन्नई बंदरगाहों की ढुलाई 10 प्रतिशत घट गई।
जेएनपीटी बंदरगाह की ढुलाई में 8.06 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट और कोलकाता बंदरगाहों की ढुलाई छह प्रतिशत से अधिक नीचे आई। न्यू मेंगलूर और विशाखापत्तनम बंदरगाहों की ढुलाई क्रमश: 5.30 प्रतिशत और 4.87 प्रतिशत घट गई।
देश में केंद्र के नियंत्रण वाले 12 प्रमुख बंदरगाहों में दीनदयाल (पूर्ववर्ती कांडला), मुंबई, जेएनपीटी, मोर्मुगाव, न्यू मेंगलूर, कामराजार (पूर्व में एन्नोर) कोचीन, चेन्नई, वी ओ चिदंबरनार, विशाखापत्तनम, पारादीप और कोलकाता (हल्दिया सहित) शामिल हैं। कुल माल ढुलाई में इन 12 प्रमुख बंदरगाहों का हिस्सा करीब 61 प्रतिशत है। पिछले वित्त वर्ष में इन बंदरगाहों ने 70.5 करोड़ टन माल की ढुलाई की थी।
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