गडकरी जोजिला सुरंग निर्माण कार्य के लिये पहले विस्फोट प्रक्रिया की 15 अक्टूबर को करेंगे शुरूआत | Gadkari to launch first blast process for Zojila tunnel construction work on October 15

गडकरी जोजिला सुरंग निर्माण कार्य के लिये पहले विस्फोट प्रक्रिया की 15 अक्टूबर को करेंगे शुरूआत

गडकरी जोजिला सुरंग निर्माण कार्य के लिये पहले विस्फोट प्रक्रिया की 15 अक्टूबर को करेंगे शुरूआत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:11 PM IST, Published Date : October 14, 2020/12:23 pm IST

नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को 14.15 किलोमीटर लंबी जोजिला सुरंग के निर्माण कार्य के लिये पहले विस्फोट प्रक्रिया का उद्घाटन करेंगे। इस सुरंग के बनने से श्रीनगर घाटी और लेह के बीच बारहमासी संपर्क सुविधा मिल सकेगी।

निर्माण प्रक्रिया में विस्फोटकों का उपयोग कर विस्फोट के जरिये ठोस पदार्थों को हटाया जाता है।

परियोजना का रणनीति महत्व है क्योंकि जोजिला दर्रा श्रीनगर-करगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फुट की ऊंचाई पर है और भारी हिमपात के कारण जाड़े में बंद रहता है। फिलहाल यह दुनिया में वाहनों के परिचालन के लिहाज से सवर्धिक खतरनाक मार्गों में से एक है और यह परियोजना भू-रणनीतिक रूप से संवेदनशील भी है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कहा कि गडकरी बृहस्पतिवार को जोजिला सुरंग के निर्माण कार्य के लिये पहले विस्फोट कार्य की शुरूआत करेंगे।

बयान के अनुसर, ‘‘सुरंग राष्ट्रीय राजमार्ग-1 पर श्रीनगर घाटी और लेह के बीच द्रास और करगिल होते हुए सभी मौसम में उपयोगी संपर्क सुविधा उपलब्ध कराएगी। इससे जम्मू कश्मीर में चौतरफा आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक समन्वय हो सकेगा।’’

इस परियोजना के तहत जोजिला दर्रे के तहत करीब 3,000 मीटर की ऊंचाई पर 14.15 किलोमीटर लंबी सुरंग बनायी जाएगी। अभी केवल छह महीने ही इस मार्ग से वाहन आ-जा सकते हैं।

बयान के अनुसार यह सुरंग जब बनकर तैयार होगी, आधुनिक भारत के लिये एक उल्लेखनीय उपलब्धि होगी। लद्दाख, गिलगिट और बालतिस्तान क्षेत्रों में बड़े स्तर पर सैन्य गतिविधियों को देखते हुए यह देश की रक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है।

बयान में कहा गया है कि जोजिला सुरंग परियोजना से करगिल, द्रास और लद्दाख क्षेत्र के लोगों की 30 साल की मांग पूरी होगी। परियोजना से श्रीनगर-करगिल-लेह खंड में यात्रा हिमस्खलन मुक्त होगी। इससे यात्रा न केवल सुरक्षित होगी बल्कि इसमें लगने वाला समय 3 घंटे से कम होकर मात्र 15 मिनट रह जाएगा।

परियोजना का पुन:आबंटन मेघा इंजीनियरंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लि. (एमईआईएल) को किया गया है। कंपनी परियोजना के लिये सबसे कम 4,509.5 करोड़ रुपये की बोली लगयी थी। दो अन्य बोलीदाता कंपनियां लार्सन एंड टूब्रो और इरकॉन इंटरनेशनल जेवी थी।

प्रधानमंत्रत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2018 में 6,800 करोड़ रुपये की इस परियोजना के लिये आधारशिला रखी थी।

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर

 

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