व्यापक अनिश्चितता की ओर बढ़ रही है वैश्विक अर्थव्यवस्था: आईएमएफ एमडी

व्यापक अनिश्चितता की ओर बढ़ रही है वैश्विक अर्थव्यवस्था: आईएमएफ एमडी

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  • Publish Date - October 7, 2022 / 11:07 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:56 PM IST

(ललित के झा)

वाशिंगटन, सात अक्टूबर (भाषा) आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने चेतावनी देते हुए कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था सापेक्षिक पूर्वानुमान से व्यापक अनिश्चितता की ओर बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक तिहाई देशों को इस साल या अगले साल कम से कम दो तिमाहियों में संकुचन का सामना करना पड़ेगा।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक से पहले यहां एक प्रमुख नीतिगत भाषण में आईएमएफ की प्रबंध निदेशक जॉर्जिवा ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगले सप्ताह जारी होने वाले विश्व आर्थिक परिदृश्य में वैश्विक वृद्धि अनुमानों को और घटाया जाएगा।

उन्होंने कहा, ”हमने अपने वृद्धि अनुमानों को पहले ही तीन बार घटाकर 2022 के लिए 3.2 प्रतिशत और 2023 के लिए 2.9 प्रतिशत कर दिया है, और जैसा कि आप अगले सप्ताह हमारे ताजा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में देखेंगे, हम अगले वर्ष के लिए वृद्धि अनुमानों को घटाएंगे।”

उन्होंने कहा, ”हम इस बात को इंगित करेंगे कि मंदी के जोखिम बढ़ रहे हैं। हमारा अनुमान है कि विश्व अर्थव्यवस्था के लगभग एक-तिहाई देश इस साल या अगले साल कम से कम लगातार दो तिमाहियों में संकुचन का सामना करेंगे।”

जार्जिवा ने कहा, ”कुल मिलाकर, हमारा अनुमान है कि इस समय से लेकर 2026 के बीच वैश्विक उत्पादन में लगभग चार लाख करोड़ डॉलर का नुकसान होगा।”

यह नुकसान जर्मनी की अर्थव्यवस्था के बराबर है और इस तरह यह विश्व अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका होगा। उन्होंने कहा कि हालात इससे अधिक बुरे भी हो सकते हैं।

जॉर्जिवा ने कहा, ‘‘चीजों के बेहतर होने के पहले और खराब होने की आशंका अधिक दिख रही है।’’

इससे पहले आईएमएफ ने बृहस्पतिवार को कैलेंडर वर्ष 2023 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि के लिए अपने पूर्वानुमान को एक बार फिर घटाते हुए कहा था कि 2026 तक विश्व अर्थव्यवस्था में चार लाख करोड़ डॉलर तक की गिरावट आ सकती है।

जॉर्जिवा ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर आईएमएफ का परिदृश्य नाटकीय रूप से प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में इस युद्ध के बड़े प्रभावों को पहले से ही देखा जा रहा है।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय